Richest Countries: अगर दुनिया के सबसे अमीर देशों की बात की जाए तो आपके मन में अमेरिका, चीन जैसे बड़े देशों का नाम जेहन में आएगा. लेकिन ऐसा नहीं है. असल में दुनिया के सबसे अमीर देशों की सूची अक्सर आश्चर्यजनक होती है, क्योंकि इसमें अक्सर छोटे देश शीर्ष पर होते हैं, न कि अमेरिका, जापान या जर्मनी जैसे बड़े और शक्तिशाली देश.
धन का मापन केवल किसी देश की कुल संपत्ति से नहीं, बल्कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) द्वारा प्रति नागरिक वितरण से होता है. यह माप दर्शाता है कि किसी देश में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य उसकी आबादी में कैसे वितरित होता है—अर्थात, औसत नागरिक कितना धनी है.
अमेरिका और चीन जैसे देशों का कुल सकल घरेलू उत्पाद बहुत ऊंचा है, लेकिन उनकी बड़ी आबादी के कारण प्रति व्यक्ति आय अपेक्षाकृत कम है. हालाँकि, अपनी सीमित आबादी के बावजूद, छोटे देश उच्च उत्पादकता और संसाधनों के कुशल उपयोग के कारण उच्च प्रति व्यक्ति आय का दावा करते हैं.
ये है दुनिया का सबसे अमीर देश
हाल के वैश्विक आंकड़ों के अनुसार, सिंगापुर दुनिया का सबसे अमीर देश है, जो नवाचार, वैश्विक व्यापार और वित्तीय सेवाओं में अपनी दक्षता के कारण शीर्ष स्थान पर है. इसके बाद लक्ज़मबर्ग, मकाऊ विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (एसएआर), आयरलैंड, कतर, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, ब्रुनेई दारुस्सलाम, गुयाना और अमेरिका का स्थान आता है. इन देशों की आबादी अपेक्षाकृत कम है, लेकिन उनकी आर्थिक नीतियाँ, औद्योगिक दक्षता और निवेश रणनीतियां उन्हें उच्च आय वाले देशों में शामिल रखती हैं.
लिस्ट में कहां खड़ा है भारत?
भारत, अपनी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के बावजूद, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में 124वें स्थान पर है. देश की विशाल जनसंख्या के कारण उसकी प्रति व्यक्ति कुल संपत्ति कम हो जाती है. फिर भी, भारत तेज़ी से प्रौद्योगिकी, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है. वहीं, चीन 77वें स्थान पर है—उसकी भी बड़ी आबादी है, लेकिन उद्योग और निर्यात में उसकी दक्षता के कारण उसकी प्रति व्यक्ति आय भारत से ज़्यादा है.
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