Home > मनोरंजन > आधी रात को तड़प-तड़प कर निकली जान, शेफाली की मौत का कारण बनी ये खतरनाक बीमारी, आप भी जान लीजिए लक्षण, वरना हो सकता है यही अंजाम

आधी रात को तड़प-तड़प कर निकली जान, शेफाली की मौत का कारण बनी ये खतरनाक बीमारी, आप भी जान लीजिए लक्षण, वरना हो सकता है यही अंजाम

Shefali Jariwala Heart Attack: 27 जून 2025 को एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला के अचानक निधन की खबर मिलने से फिल्म इंडस्ट्री और उनके फैंस को गहरा सदमा लगा है। उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है।

By: Yogita Tyagi | Published: June 28, 2025 11:18:06 AM IST



Shefali Jariwala Heart Attack: 27 जून 2025 को एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला के अचानक निधन की खबर मिलने से फिल्म इंडस्ट्री और उनके फैंस को गहरा सदमा लगा है। उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है। महज 42 साल की उम्र में दिल की इस गंभीर समस्या ने उन्हें हमसे छीन लिया। इस घटना ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कार्डियक अरेस्ट जेनेटिक बीमारी हो सकती है?

कार्डियक अरेस्ट पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स? 

हार्ट एक्सपर्ट्स के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट कई बार जेनेटिक फैक्टर्स की वजह से भी हो सकता है। कुछ लोगों में दिल की बीमारियों की फैमिली हिस्ट्री होती है, जिससे उनका रिस्क बढ़ जाता है। खासकर अगर किसी के परिवार में हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं मौजूद हैं, तो कार्डियक अरेस्ट का खतरा और भी अधिक हो सकता है। हालांकि, हर मामले में इसका कारण जेनेटिक नहीं होता।

कार्डियक अरेस्ट में रूकती है दिल की धड़कन

कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है। इससे व्यक्ति कुछ ही पलों में बेहोश हो सकता है और अगर समय रहते इलाज न मिले तो जान भी जा सकती है। इसके लक्षण अक्सर अचानक दिखाई देते हैं, जैसे कि व्यक्ति का बेहोश हो जाना, सांस रुकना या बहुत कम हो जाना और नाड़ी का महसूस न होना।

कार्डियक अरेस्ट आने से पहले क्या होता है? 

कुछ मामलों में कार्डियक अरेस्ट से पहले संकेत भी मिल सकते हैं। जैसे सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, तेज धड़कन, चक्कर आना, अत्यधिक थकान और घबराहट की भावना। ये सभी संकेत इस ओर इशारा कर सकते हैं कि दिल किसी बड़ी मुसीबत की ओर बढ़ रहा है। शेफाली की मौत ने एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि दिल से जुड़ी बीमारियों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, खासकर जब फैमिली हिस्ट्री या शुरुआती लक्षण मौजूद हों।

Advertisement