भारत में अगर किसी रेस्तरां में जाएं और “चाइनीज” सेक्शन पर नजर डालें, तो नाम तो चीनी लगते हैं, लेकिन इनका जन्म चीन में नहीं, बल्कि भारत और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हुआ है. असल में ये डिशेज़ चीनी स्वाद और स्थानीय मसालों का अनोखा मेल हैं. इन्हें परोसने का तरीका, उनका स्वाद और तड़का सब हमारी मिट्टी के हिसाब से बदला गया. चलिए जानते हैं ऐसी 6 मशहूर डिशेज़ के बारे में, जो चाइनीज कहलाती हैं, पर असल में चीन की नहीं हैं.
चिकन मंचूरियन – मुंबई की देन
नाम में “मंचूरियन” ज़रूर है, लेकिन ये डिश कभी मंचूरिया में बनी ही नहीं, 1970 के दशक में मुंबई के एक चीनी-भारतीय शेफ नेल्सन वांग ने इसे बनाया. उन्होंने भारतीय मसालों की जगह सोया सॉस, अदरक, लहसुन और कॉर्नफ्लोर का इस्तेमाल किया. नतीजा एक नई डिश का जन्म हुआ, जिसने पूरा इंडो-चाइनीज फूड कल्चर बदल दिया.
चॉप सुए अमेरिका की रसोई से निकला “चाइनीज”
चॉप सुए असल में चीनी प्रवासियों की मेहनत और समझदारी का नतीजा है कहा जाता है कि सैन फ्रांसिस्को के एक शेफ ने बची हुई सब्ज़ियों और मीट को सोया सॉस में मिलाकर एक नई डिश बना दी. अमेरिका में यह “चाइनीज फूड” का चेहरा बन गई, लेकिन चीन में कोई इसे नहीं जानता .
जनरल त्सो का चिकन – न्यूयॉर्क में जन्मी डिश
जनरल त्सो का चिकन सुनने में चीनी लगता है, पर इसका चीन से कोई रिश्ता नहीं, 1970 के दशक में न्यूयॉर्क में यह डिश तैयार की गई थी. इसे हुनान के स्वाद से प्रेरित कहा गया, लेकिन चीन में किसी को इस “जनरल” के चिकन का पता तक नहीं.
हक्का नूडल्स – कोलकाता की खास पहचान
भारत में अगर कोई डिश “इंडो-चाइनीज” का चेहरा है, तो वह है हक्का नूडल्स. इसका जन्म चीन में नहीं, बल्कि कोलकाता के चाइनाटाउन में हुआ, हक्का समुदाय के प्रवासियों ने भारतीय स्वाद को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया, इसमें हरी मिर्च, कैप्सिकम और सोया सॉस का खास मेल इसे भारतीय बना देता है.
स्प्रिंग रोल – सड़क पर बदला इसका रूप
स्प्रिंग रोल नाम जरूर चीन से आया है, लेकिन जो हम खाते हैं, वो भारतीय और अमेरिकी स्वाद का परिणाम हैं. चीन में इन्हें हल्का, स्टीम या पैन-फ्राइड किया जाता है, जबकि हमारे यहां इन्हें डीप फ्राई कर कुरकुरा बनाया जाता है, भारी स्टफिंग और मोटे रैपर के साथ, यह अब एक स्नैक का रूप ले चुका है, परंपरा का नहीं.
चिली चिकन – भारतीय तड़के का कमाल
चिली चिकन शायद भारत की सबसे लोकप्रिय “चाइनीज” डिश है, पर इसकी जड़ें पूरी तरह भारतीय हैं. कोलकाता के चीनी रसोइयों ने इसमें सोया सॉस, सिरका, हरी मिर्च और भारतीय मसालों का तड़का लगाकर इसे बनाया, यह डिश धीरे-धीरे पूरे देश में मशहूर हो गई और हर स्ट्रीट फूड स्टॉल की पहचान बन गई.