Kolhapuri Chappal PRADA: कोल्हापुरी चप्पलों की पहचान अब विदेशों में भी बनने वाली है. इटली की मशहूर फैशन कंपनी प्राडा ने भारत की दो सरकारी कंपनियों के साथ मिलकर कोल्हापुरी-स्टाइल सैंडल बनाने के लिए एक समझौता (MOU) किया है. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एमओयू होने के बाद कोल्हापुरी चप्पलों का निर्यात अब हर साल 1 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.
पीयूष गोयल ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हुई, जब सुना कि प्राडा औइर भारत के कोल्हापुरी चप्पल बनाने वाले कारीगर एक साथ काम करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह अकसर सोचते थे कि कोल्हापुरी चप्पलें अपने सुंदर डिजाइन, हाथ से बनने वाली कला, चमकीले रंग और पहनने में आरामदायक होने के बावजूद एक बड़ा वैश्विक ब्रांड क्यों नहीं बन पातीं.
सोशल मीडिया पर भी बना चर्चा का विषय
इस समझौते की जानकारी मिलने के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों में चर्चा का विषय बन गया. दरअसल प्राडा की ओर से कोल्हापुरी चप्पलों की जो कीमत तय की गई है, उसके मुताबिक ब्रांड इसे 84,000 रुपये में बेचेगा.
प्राडा के मार्केटिंग हेड Lorenzo Bertelli ने कहा है कि पहले कलेक्शन के लिए 2,000 सैंडल्स बनाने का प्लान किया गया है, जिसकी कीमत लगभग 930 डॉलर यानी 84,000 रुपये होगी. वहीं साल 2026 के फरवरी में 40 स्टोर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इनको लॉन्च किया जाएगा.
अब जैसे ही लोगों को कोल्हापुरी चप्पलों की कीमत पता चली, सोशल मीडिया पर मीम्स भी बनने लगे. किसी ने लिखा कि ‘मम्मी इसी चप्पल से मारेगी’, तो किसी यूजर ने लिखा कि ‘इस चप्पल को खरीदने में घर जाएगा.’ फिलहाल ये इसे लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा जारी है.
लिडकॉम और लिडकार के साथ हुआ एमओयू
बता दें कि इटली का ब्रांड प्राडा भारत के महाराष्ट्र और कर्नाटक के कारीगरों के साथ मिलकर कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरित सैंडल बनाएगा. इसके लिए प्राडा ने सरकारी संस्थानों लिडकॉम और लिडकार के साथ एमओयू साइन किया है. इसे लेकर पीयूष गोयल ने कहा कि उनका सपना है कि भारत से कोल्हापुरी चप्पलों का निर्यात 1 अरब डॉलर तक पहुंचे और अब यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
प्राडा की कोल्हापुरी-स्टाइल सैंडल को फरवरी 2026 में दुनिया के 40 चुनिंदा प्राडा स्टोर्स और उसके ई-कॉमर्श प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया जाएगा. इससे पहले इस साल प्राडा को कारीगरों को श्रेय दिए बिना 1.2 लाख रुपए में कोल्हापुरी-स्टाइल सैंडल बेचने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था. तभी से कोल्हापुरी चप्पलों की चर्चा होती रही है.