Home > लाइफस्टाइल > आप तो नहीं हो रहे IVF Process में Scam का शिकार, एग्स का होता है कारोबार, कराने से पहले रखें इन बातों का ख्याल

आप तो नहीं हो रहे IVF Process में Scam का शिकार, एग्स का होता है कारोबार, कराने से पहले रखें इन बातों का ख्याल

In Vitro Fertilization: आईवीएफ प्रोसेसं करना वाले कपल के साथ कई तरह के घोटाले हो सकते हैं, जैसे धोखाधड़ी, गलत जानकारी और वित्तीय शोषण। ऐसे में आज हम आपको यहां बताने जा रहे है कि ईवीएफ (IVF Process) कराते समय लोगों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए,  ताकि आप आईवीएफ प्रोसेसं के दौरान हो रहे धोखाधड़ी का शिकार ना बने।

By: chhaya sharma | Published: July 25, 2025 2:37:05 PM IST



In Vitro Fertilization: आज के दौर में बच्चे पैदा ना होना बड़ी परेशानी है, क्योंकि कई महिलाओं को इनफर्टिलिटी प्रॉब्लम से जूझना पड़ता। ऐसे में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) जैसी आधुनिक रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी लोगों के लिए बड़ी उम्मीद आज के समय में आईवीएफ ने हजारों कपल को माता-पिता बनने का मौका दिया है। लेकिन आईवीएफ टेक्नोलॉजी जितनी तेजी से तरक्की कर रही है, उतना ही लोग इस इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) में हो रहे स्कैम का भी शिकार हो रहे हैं। 

आईवीएफ स्कैम (IVF Scam) 

दरअसल, आईवीएफ प्रोसेसं करना वाले कपल के साथ कई तरह के घोटाले हो सकते हैं, जैसे धोखाधड़ी, गलत जानकारी और वित्तीय शोषण। ऐसे में आज हम आपको यहां बताने जा रहे है कि ईवीएफ (IVF Process) कराते समय लोगों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए,  ताकि आप आईवीएफ प्रोसेसं के दौरान हो रहे धोखाधड़ी का शिकार ना बने। 

 क्या है आईवीएफ (What Is IVF)

आईवीएफ (IVF) का मतलब “इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization)” होता है, जो एक तरह का ट्रिटमेंट है, जिससे को भी कपल के माता-पिता बन सकते हैं।  आईवीएफ की प्रक्रिया में महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणु यानी स्पर्म को शरीर के बाहर, एक प्रयोगशाला में निषेचित किया जाता है और निषेचित अंडे (भ्रूण) को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। लेकिन आईवीएफ ट्रिटमेंट के दौरान घोटालों से बचने के लिए कपल को कुछ बातों जरूर ध्यान देना चाहिए। 

आईवीएफ प्रोसेसं  (IVF Process)  के दौरान हो रहे धोखाधड़ी से बचने के लिए इन बातों का ध्यान

विश्वसनीय क्लिनिक का चुनाव करें: आईवीएफ ट्रिटमें कराने के लिए सबसे पहले आप  विश्वसनीय क्लिनिक होना चाहिए, जिसे भारत सरकार के असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी अधिनियम और 2021 के तहत पंजीकृत और मान्यता प्राप्त हो। यह अधिनियम डोनर सेंटरों और आईवीएफ क्लिनिकों का संचालन देखता है। इसके अलावा IVF Process के दौरान क्लिनिक की सफलता भी जांच करना बेहद जरूरी है। साथ ही आईवीएफ ट्रिटमें कराने से पहले इलाज की फिस, छिपी हुई लागतें  भुगतान योजना के बारे पूरी जानकारी का पता लगाना चाहिए 

डॉक्यूमेंटेशन और सहमति: आईवीएफ कराने की प्रक्रिर को करने के लिए आपकी लिखित सहमति बहुत जरूरी होती है, खासकर जब आप एग डोनर या स्पर्म डोनर का इस्तेमाल हो रहा हो। इसके अलावा आईवीएफ कराने से पहले आपको डॉक्टर और क्लिनिक से अपनी प्रक्रिया, पेरेंट्स बनने के चांसेस, दवाइयों और संभावित जोखिमों के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि भारत में एग और स्पर्म डोनेशन एक गुमनाम प्रक्रिया है, इसके लिए डोनर की आयु 23 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए

आईवीएफ प्रोसेसं (In Vitro Fertilization) में हो रही धोखाधड़ी से कैसे बचें?

आईवीएफ प्रोसेसं IVF Process के लिए अगर कोई क्लिनिक कम लागत पर अच्छी सफलता का दवा करता है, तो सतर्क रहें, क्योंकि आईवीएफ प्रोसेस में 100% सफलता की गारंटी नहीं दी जाती। इसके अलावा अवैध एग डोनर सेंटरों से दूर रहे। इसके अलावा कुछ मामले ऐसे भी सामने आए है, जिसमें स्पर्म या एग के सैंपल बदलने की घटनाएं बताई है। 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Advertisement