Kuttu Ka Aata For Digestion: व्रत या उपवास के दिनों में कुट्टू का आटा हर घर में खास जगह रखता है. चाहे श्रावण मास का सोमवार हो, नवरात्रि का उपवास, या किसी विशेष व्रत का दिन, लोग कुट्टू से बने पराठे, पूरी और पकौड़े जरूर बनाते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कुट्टू की तासीर व्रत के लिहाज से क्यों और कैसे अहम होती है?
आयुर्वेद और पारंपरिक ज्ञान के अनुसार, कुट्टू का आटा गर्म तासीर वाला माना जाता है. इसका मतलब है कि यह शरीर को गर्म करता है, पाचन शक्ति बढ़ाता है और व्रत के दौरान हल्का‑फुल्का लेकिन ऊर्जा देने वाला भोजन बनता है. इसलिए व्रत के दिनों में कुट्टू का आटा सबसे बढ़िया विकल्प है.
व्रत में कुट्टू क्यों है फेवरेट?
1.हजम करने में आसान: कुट्टू का आटा हल्का और आसानी से पचने वाला होता है. व्रत के समय जब भोजन सीमित होता है, यह पेट को भरा रखता है बिना भारीपन दिए.
2.ऊर्जा देता है: व्रत के दौरान लंबे समय तक भूख नहीं लगती. कुट्टू में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा अच्छी होती है, जो शरीर को एनर्जी देती है.
3.गर्म तासीर: आयुर्वेदिक दृष्टि से, कुट्टू की तासीर गर्म होती है, जिससे सर्दियों में या ठंडी तासीर वाले भोजन के समय शरीर को गर्मी मिलती है.
4.व्रत-अनुकूल: इसमें गेहूं या मैदा नहीं होता, इसलिए यह हर व्रत में नियम के अनुसार सेवन किया जा सकता है.
व्रत में बनाएं टेस्टी रेसिपी
कुट्टू का आटा केवल पराठे या पूरी तक सीमित नहीं है. आप कुट्टू का हलवा, कुट्टू के चिप्स, या पकौड़े भी बना सकते हैं. स्वाद के साथ-साथ यह आपके व्रत को पौष्टिक बनाता है.
टिप्स एंड ट्रिक्स
• कुट्टू का आटा भिगोकर इस्तेमाल करें, ताकि पराठे या पूरी क्रिस्पी और हल्की बने.
• व्रत के दिन कुट्टू को घी या तेल में हल्का सेंककर खाने से स्वाद और पाचन दोनों बेहतर होता है.
• अगर व्रत के दौरान हल्का खाना चाहते हैं, तो कुट्टू की खिचड़ी भी ट्राय कर सकते हैं.