सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है और ठंडी हवाओं के साथ घूमने का मन भी मचलने लगता है, अगर आप इस बार किसी धार्मिक और प्राकृतिक जगह पर जाना चाहते हैं, तो चित्रकूट आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है. यह जगह न सिर्फ भगवान श्रीराम के वनवास काल की यादें समेटे हुए है, बल्कि यहां की शांत वादियां, बहती मंदाकिनी नदी और दिव्यता से भरे मंदिर हर किसी का मन मोह लेते हैं.
सती अनसुइया आश्रम – जहां से बहती हैं मां मंदाकिनी की धारा
चित्रकूट का सती अनसुइया आश्रम एक दिव्य और नेचुरल सुंदरता से भरपूर स्थान है, यही वह जगह है, जहां माता अनसूया के तप से मां मंदाकिनी का उद्गम हुआ था. घने पेड़ों के बीच बहती ठंडी जलधारा और उसमें तैरती रंग-बिरंगी मछलियां इस जगह को और भी सुंदर बनाती हैं. यहां स्थित मठ-मंदिरों में दर्शन के साथ आपको आध्यात्मिक शांति का अनुभव होता है.
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रामघाट – जहां श्रीराम ने किया था स्नान
चित्रकूट का रामघाट धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र स्थान है कहा जाता है कि वनवास के दौरान भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी यहां स्नान किया करते थे. आज भी इस घाट पर मां मंदाकिनी की आरती देखने हजारों श्रद्धालु जुटते हैं, शाम के समय जब आरती की लौ जलती है और नदी में नौकायन के दीप तैरते हैं, तो दृश्य इतना सुंदर होता है कि देखने वाला उस सीन में खो जाता है.
कामतानाथ मंदिर – श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक
कामतानाथ मंदिर चित्रकूट का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है, मान्यता है कि यहां भगवान श्रीराम आज भी विराजमान हैं.यहां आने वाले भक्त परिक्रमा लगाकर अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं, इस मंदिर के दर्शन से व्यक्ति को अपार शांति और पॉजिटिव एनर्जी मिलती है, हर साल हजारों श्रद्धालु यहां आकर मत्था टेकते हैं और अपने जीवन की खुशियों के लिए आशीर्वाद मांगते हैं.
हनुमान धारा और लक्ष्मण पहाड़ी – शक्ति और सुरक्षा का संगम
ऊंची पहाड़ियों पर बना हनुमान धारा मंदिर चित्रकूट का एक और अट्रैक्शन है कहा जाता है कि लंका दहन के बाद हनुमान जी ने अपनी पूंछ की आग यहां बहती धारा से बुझाई थी. ठंड के मौसम में यहां का नजारा और भी मनोरम हो जाता है, इसके पास स्थित लक्ष्मण पहाड़ी से पूरे चित्रकूट का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है कहा जाता है कि यहीं से लक्ष्मण जी भगवान राम की रक्षा किया करते थे.