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साथ रहेंगे, लेकिन प्यार नहीं होगा! क्या है ये Friendship Marriage का Trend जो इतनी तेजी से हो रहा वायरल

चीन, जापान जैसे देशों में युवाओं के बीच दोस्ती पर आधारित ‘मैत्री विवाह’ का चलन बढ़ रहा है. बिना रोमांस और पारंपरिक दबाव के, साथी सिर्फ साथ और समझ के लिए शादी कर रहे हैं.

By: Shivani Singh | Last Updated: October 30, 2025 1:04:20 AM IST



सोचिए…पति पत्नी का एक ऐसा रिश्ता जहां ना रोमांटिक वादे, ना प्यार का इज़हार बल्कि सिर्फ़ समझ, सहारा और साथ निभाने का भरोसा. जापान में इन दिनों एक ऐसा ही ट्रेंड धीरे-धीरे बढ़ रहा है, जहाँ लोग अपने कम्फर्ट, मानसिक शांति और स्वतंत्रता को प्यार और पारंपरिक रिश्तों से ज़्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं. इसे कहा जाता है Friendship Marriage लेकिन आखिर ऐसा क्यों? लोग दोस्ती पर आधारित शादी करने का फैसला क्यों ले रहे हैं, और ये रिश्ता चलता कैसे है? आइए, समझते हैं…

मैत्री विवाह की अवधारणा क्या है?

“विवाह” शब्द अक्सर प्रेम, रोमांस और भावनात्मक जुड़ाव की छवियाँ मन में लाता है. लेकिन क्या आपने कभी ऐसी शादी के बारे में सुना है जिसमें न तो रोमांस हो और न ही शारीरिक आकर्षण, बल्कि सिर्फ़ गहरी दोस्ती हो? मैत्री विवाह का अर्थ है दो लोगों का एक साथ आना, जिनके बीच भावनात्मक जुड़ाव तो होता है, लेकिन कोई रोमांटिक या शारीरिक आकर्षण नहीं होता यह रिश्ता पूरी तरह से दोस्ती, समझ और जीवन में स्थिरता की भावना पर आधारित होता है.

जापान में अब कई लोग इस नए रिश्ते के मॉडल को अपना रहे हैं. रिपोर्टों के अनुसार, 2015 से अब तक लगभग 500 लोग ऐसी शादियाँ कर चुके हैं. दिलचस्प बात यह है कि इन शादियों में, जोड़े शादी से पहले कई व्यावहारिक मुद्दों पर खुलकर चर्चा करते हैं. जैसे खान-पान की पसंद, घर के खर्चे, भविष्य की योजनाएँ, बच्चों के पालन-पोषण की रणनीतियाँ और यहाँ तक कि घर की ज़िम्मेदारियों का बँटवारा भी.

ऐसी शादियाँ कौन करता है?

मैत्री विवाह उन लोगों में तेज़ी से आम हो रहे हैं जो या तो अलैंगिक (अर्थात, जो यौन आकर्षण का अनुभव नहीं करते) या समलैंगिक (जो समान लिंग के प्रति आकर्षित होते हैं). उनके लिए, यह व्यवस्था एक सुरक्षित और सम्मानजनक विकल्प साबित होती है, जिससे उन्हें समाज की पारंपरिक अपेक्षाओं के बिना एक स्थायी रिश्ता बनाने का मौका मिलता है.

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यह चलन क्यों बढ़ रहा है?

इस प्रकार के विवाह की लोकप्रियता के कई सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण हैं:

  • सामाजिक दबाव से राहत
    जापान जैसे देशों में, विवाह और बच्चों को लेकर काफ़ी सामाजिक दबाव होता है. नतीजतन, कई लोग “मैत्री विवाह” को एक आसान रास्ता मानते हैं, जिससे वे बिना किसी रोमांटिक भावना के विवाह कर सकते हैं.
  • साथी और अंतरंगता की चाहत
    कई लोग अकेलेपन से जूझते हैं. वे एक ऐसे साथी की तलाश करते हैं जिसके साथ वे जीवन की ज़िम्मेदारियाँ और खुशियाँ साझा कर सकें. विवाह उन्हें एक ऐसा साथी प्रदान करता है जो एक दोस्त और परिवार जैसा सहारा दोनों हो.
  • पारंपरिक विवाह से मोहभंग
    कई युवा पारंपरिक विवाह की अवधारणा से थक चुके हैं. रिश्तों में बढ़ती उम्मीदों और निराशाओं के कारण, वे अब एक ऐसे सरल रिश्ते की तलाश में हैं जो अत्यधिक भावनात्मक बोझ से मुक्त हो.
  • कम उम्मीदें, ज़्यादा शांति
    ऐसे विवाहों में, लोग एक-दूसरे से ज़्यादा उम्मीदें नहीं रखते. परिणामस्वरूप, रिश्तों में संघर्ष और निराशा कम हो जाती है.
  • सरकारी लाभ
    जापान में विवाहित लोगों को कुछ कर रियायतें भी मिलती हैं. यह कारक लोगों के निर्णयों को भी प्रभावित करता है.
  • समझदारी रिश्ते की नींव बनाती है
    सरल शब्दों में कहें तो, दोस्ती विवाह एक भरोसेमंद रूममेट के साथ रहने जैसा है जिसके साथ आप सुरक्षित और सहज महसूस करते हैं. यह रिश्ता प्यार से नहीं, बल्कि आपसी समझ, सम्मान और सुविधा से चलता है.

ऐसे रिश्ते में न तो भावनात्मक दबाव होता है और न ही सामाजिक दिखावे की चिंता. दोनों साथी अपनी व्यक्तिगत सीमाओं को बनाए रखते हुए एक-दूसरे के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बने रहते हैं.

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