Srinagar Jal Metro: डल झील, जो अब तक अपने शांत पानी, तैरते शिकारों और सैलानियों की यादों से जानी जाती रही है, अब एक नए युग में कदम रख रही है. जम्मू-कश्मीर सरकार और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने मिलकर 900 करोड़ रुपये की श्रीनगर जल मेट्रो परियोजना शुरू करने का निर्णय लिया है.
यह प्रोजेक्ट केरल की कोच्चि वाटर मेट्रो से प्रेरित है और श्रीनगर के लिए एक आधुनिक, पर्यावरण-हितैषी ट्रांसपोर्ट सिस्टम की शुरुआत मानी जा रही है.
वाटर मेट्रो परियोजना पर एक नजर
इस परियोजना के तहत डल झील और झेलम नदी के जलमार्गों को जोड़ा जाएगा. डल झील में 5 रूट और 10 टर्मिनल, जबकि झेलम नदी पर 2 रूट और 8 टर्मिनल बनाए जाएंगे. यानी कुल 18 जल स्टेशन, जो श्रीनगर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ेंगे.
यहां चलने वाली नावें पारंपरिक शिकारों की तरह ही सुंदर होंगी, लेकिन पूरी तरह इलेक्ट्रिक-हाइब्रिड तकनीक पर आधारित होंगी. इन नावों से न केवल प्रदूषण घटेगा, बल्कि झीलों के नाजुक पारिस्थितिक संतुलन की रक्षा भी होगी.
सैलानियों को मिलेगा नया अनुभव, ट्रैफिक दबाव भी होगा कम
परियोजना से श्रीनगर का ट्रैफिक दबाव कम होगा और सैलानियों को एक बिल्कुल नया अनुभव मिलेगा. पर्यटन, रियल एस्टेट और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा असर पड़ने की उम्मीद है. झीलों के किनारों पर बनने वाले नए टर्मिनलों से आसपास की संपत्तियों के मूल्य बढ़ सकते हैं, वहीं नाव संचालन, रखरखाव और स्टेशन सेवाओं में स्थानीय लोगों को नए रोजगार अवसर मिलेंगे.
अक्टूबर 2025 में परियोजना के लिए समझौता हो चुका है और अब विस्तृत योजनाओं व निर्माण कार्य की दिशा तय की जा रही है. यह पहल श्रीनगर को सिर्फ झीलों का शहर नहीं, बल्कि जल मेट्रो वाला आधुनिक शहर बनाने की ओर बड़ा कदम है.