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क्या भाजपा के ऑपरेशन बिहार से जुड़ा है जगदीप धनखड़ का इस्तीफा? नीतीश कुमार को लेकर छिड़ी सियासी जंग, सोशल मीडिया के पोस्ट में बड़ा दावा

बिहार में इसी साल चुनाव होने हैं ऐसे में धनखड़ के इस इस्तीफे को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जोड़ कर दिखा गया जिसने राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया।

By: Divyanshi Singh | Published: July 22, 2025 11:09:11 AM IST



Jagdeep Dhankhar: संसद के मानसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया पर हलचल मच गई। बिहार में इसी साल चुनाव होने हैं ऐसे में धनखड़ के इस इस्तीफे को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जोड़ कर दिखा गया जिसने राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया। वहीं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यीदव के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट ने इस मामले मे आग में घी डालने का काम किया। 

वायरल हो रहा है पोस्ट

तेजस्वी यादव के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट में लिखा है, “क्या उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाई जा रही SIR प्रक्रिया पर बहस से बचने की कोशिश है? क्या भाजपा अगले उपराष्ट्रपति पद के लिए नीतीश कुमार को आगे करने वाली है?” हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह पोस्ट तेजस्वी यादव का आधिकारिक अकाउंट नहीं, बल्कि उनके नाम से बना एक पैरोडी अकाउंट है जिसे तेजस्वी यादव के नाम से शेयर किया जा रहा है। इस पोस्ट ने न सिर्फ नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाए जाने की अटकलों को हवा दी, बल्कि बिहार की राजनीति में एक नई बहस भी छेड़ दी। कुछ लोग इसे भाजपा की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, तो कुछ इसे महज राजनीतिक नौटंकी बता रहे हैं।

भाजपा का ‘ऑपरेशन बिहार’

बता दें कि जगदीप धनखड़ ने अपने पत्र में लिखा, “स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूँ।” हालाँकि, उनके इस्तीफे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम स्वास्थ्य कारणों से परे राजनीतिक गुणा-भाग का हिस्सा भी हो सकता है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से धनखड़ को मनाने की अपील की है, जबकि राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा है कि यह अप्रत्याशित है, लेकिन इसका कारण सिर्फ़ स्वास्थ्य नहीं लगता। इस बीच, नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाने की चर्चा को भाजपा के ‘ऑपरेशन बिहार’ से जोड़कर देखा जा रहा है।

अगर नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनते हैं, तो भाजपा ओबीसी और ईबीसी वोट बैंक को अपनी ओर खींच सकती है। बिहार में इन दोनों समुदायों का वोट शेयर लगभग 63 प्रतिशत है। नीतीश कुमार की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। पिछले चुनाव में उनकी पार्टी को भारी झटका लगा था, लेकिन फिर भी भाजपा ने नीतीश कुमार के राजनीतिक कद का सम्मान किया और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया।आने वाले दिनों में किस तरह के राजनीतिक हालात बनते हैं, यह देखना बाकी है? लेकिन कुल मिलाकर बिहार से लेकर दिल्ली तक नीतीश कुमार की खूब चर्चा हो रही है।

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