Who is Rakesh Kishore: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 71 साल के वकील राकेश किशोर ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया था. राकेश किशोर को सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत अदालत से बाहर निकाल दिया था. इसके बाद बार काउंसिल ने मामले में आरोपी वकील राकेश किशोर को सोमवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. BCI ने उन्हें भारत के किसी भी कोर्ट, ट्रिब्यूनल या प्राधिकरण में पेश होने, बहस करने या प्रैक्टिस करने से भी रोक दिया. उन्हें यह बताने के लिए नोटिस दिया गया है कि यह कार्रवाई क्यों जारी नहीं रखी जानी चाहिए. BCI ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी.
राकेश किशोर कौन हैं?
बता दें कि राकेश किशोर का जन्म 10 सितंबर 1954 को हुआ था. उन्होंने 2009 में 55 साल की उम्र में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (BCD) में रजिस्ट्रेशन कराया था. वे मयूर विहार फेज 1 में रहते हैं.
कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं
राकेश जिस सोसाइटी में रहते हैं, उसके निवासियों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह छह साल पहले अध्यक्ष बने थे और हाल ही में कोई चुनाव नहीं हुआ है. सोसाइटी के सदस्यों ने दावा किया कि उन्होंने वकील के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिनमें नवंबर 2021 में एक वरिष्ठ नागरिक पर कथित हमले से संबंधित एक शिकायत भी शामिल है. हालांकि, दिल्ली पुलिस के अनुसार, राकेश किशोर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.
कम से कम दो याचिकाएं दायर
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राकेश ने वकील के तौर पर कम से कम दो याचिकाएं दायर की थीं. एक याचिका अगस्त 2021 में मयूर विहार फेज 1 स्थित रिवरव्यू अपार्टमेंट के तत्कालीन अध्यक्ष किशोर ने दिल्ली सहकारी न्यायाधिकरण में सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सचिव के खिलाफ दायर की थी. किशोर ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक और रिट याचिका दायर कर दिल्ली सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को एक बहुमंजिला परिसर के कुप्रबंधन के मामले में कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की मांग की थी.
वकील ने पुलिस को क्या बताया?
पुलिस ने बताया कि राकेश किशोर 71 साल के हैं. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मयूर विहार निवासी किशोर से सुप्रीम कोर्ट परिसर में तीन घंटे तक पूछताछ की और बाद में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज न होने पर दोपहर 2 बजे उन्हें रिहा कर दिया. पुलिस ने उनके जूते भी लौटा दिए. पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्हें वकील के पास से एक नोट मिला है, जिसमें लिखा है, “हिंदुस्तान सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा.” सूत्रों ने कहा, “हमें यह भी पता चला है कि राकेश के पास सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और शाहदरा बार एसोसिएशन के कार्ड थे.
राकेश किशोर से पूछताछ के दौरान, टीम ने उनसे उनके कृत्य के पीछे के मकसद के बारे में पूछा. वकील ने दावा किया कि वह मध्य प्रदेश के खजुराहो मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की एक मूर्ति की पुनर्स्थापना के अनुरोध वाली एक याचिका पर हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी से नाखुश थे.”