Bihar Chunav: चिराग पासवान ने शनिवार को एक बार फिर अपनी ही नीतीश कुमार सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने बिहार पुलिस और प्रशासन को निकम्मा करार दिया। वह यहीं नहीं रुके, चिराग ने यह भी कहा कि “यह दुखद है कि मैं ऐसी सरकार का समर्थन कर रहा हूँ, जहाँ अपराध बेलगाम है।” दरअसल, गया में एक महिला उम्मीदवार के साथ हुए बलात्कार को लेकर चिराग पासवान का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने पुलिस प्रशासन को निकम्मा करार दिया।
चिराग पासवान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “बिहार में एक के बाद एक आपराधिक घटनाओं की बाढ़ आ गई है और प्रशासन पूरी तरह से अपराधियों के आगे नतमस्तक है। अब ऐसा लग रहा है कि प्रशासन इन घटनाओं को रोकने में पूरी तरह से विफल रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो आने वाले दिनों में राज्य के लिए बेहद भयावह स्थिति पैदा हो जाएगी।”
सत्यपाल मलिक ने भी भाजपा पर लगाए ये आरोप
चिराग पासवान के अलावा, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। पुलवामा हमले के मुद्दे पर उन्होंने कहा था कि 2019 का लोकसभा चुनाव जवानों की लाशों पर लड़ा गया था। अगर मामले की जाँच हुई होती, तो तत्कालीन गृह मंत्री को इस्तीफ़ा देना पड़ता।
मलिक ने तब यह भी दावा किया था कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमले की जानकारी दी थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें चुप रहने को कहा था। राजस्थान के अलवर ज़िले के बानसूर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘चुनाव (लोकसभा 2019) हमारे जवानों की लाशों पर लड़ा गया और कोई जाँच नहीं हुई। अगर जाँच होती, तो तत्कालीन गृह मंत्री (राजनाथ सिंह) को इस्तीफ़ा देना पड़ता। कई अधिकारी जेल भी जाते और बड़ा विवाद होता।’
धनखड़ ने कई मौकों पर भाजपा की केंद्र सरकार पर निशाना साधा
उपराष्ट्रपति पद पर अपने कार्यकाल के दौरान, धनखड़ अक्सर विपक्ष से भिड़ जाते थे। उन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया गया था। इन्हीं आरोपों के चलते पिछले साल उनके ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। तब से सरकार उनकी कार्यप्रणाली में आए बदलाव को लेकर चिंतित है। अब विपक्षी नेताओं को बोलने के ज़्यादा मौके मिल रहे हैं।
किसान आंदोलन पर धनखड़ ने सरकार से पूछे सवाल
चिराग पासवान और सत्यपाल मलिक के अलावा, जगदीप धनखड़ ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए 2020 से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। दिसंबर 2024 में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए, उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से तीखे सवाल पूछे। उन्होंने मंच पर मौजूद कृषि मंत्री से कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि कृपया मुझे बताएँ कि किसान से क्या वादा किया गया था? वादा पूरा क्यों नहीं किया गया? पिछले साल भी आंदोलन हुआ था। इस साल भी आंदोलन है। समय का पहिया घूम रहा है।’
सुप्रीम कोर्ट पर निशाना
इसके साथ ही, उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने वाले धनखड़ ने इसी महीने की शुरुआत में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा विवाद को लेकर न्यायपालिका पर निशाना साधा था। उन्होंने नकदी बरामदगी की आपराधिक जाँच शुरू करने की माँग की थी। उन्होंने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) अधिनियम को निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा था कि संसद के दोनों सदनों द्वारा लगभग सर्वसम्मति से पारित कानून को सर्वोच्च न्यायालय कैसे निरस्त कर सकता है?
बता दें, चिराग से पहले सत्यपाल मलिक और जगदीप धनखड़ ने भाजपा पर हमला बोला था। बाद में सत्यपाल मालिक को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अब देखना होगा कि भाजपा समर्थित एनडीए सरकार पर हमला बोलने वाले चिराग पासवान का राजनीतिक भविष्य किस करवट बैठता है। यह देखना दिलचस्प होगा।