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West Bengal voter list: 2002 की मतदाता सूची में अपना नाम कैसे चेक करें? यहां देखें पूरी स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया

पश्चिम बंगाल में 4 नवंबर से विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया शुरू हो गई है. जानें कैसे 2002 की मतदाता सूची में अपना, अपने माता-पिता या रिश्तेदारों का नाम ऑनलाइन चेक करें.

By: Shivani Singh | Published: November 6, 2025 7:53:22 PM IST



पश्चिम बंगाल में 4 नवंबर से चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस प्रक्रिया के शुरू होते ही पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं. बिहार में इस मुद्दे को लेकर काफी विवाद देखने को मिला था, और अब पश्चिम बंगाल में भी इसे लेकर प्रतिक्रियाएँ सामने आने लगी हैं.

दरअसल, साल 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले यह ज़रूरी है कि मतदाताओं के नाम सही तरीके से सूची में दर्ज हों. इसी वजह से चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की सफाई और सत्यापन के लिए SIR प्रक्रिया शुरू की है. इस दौरान यह देखा जाएगा कि जिन लोगों के नाम 2002 की मतदाता सूची में थे, वे आज भी उसी पते पर रह रहे हैं या नहीं.

पश्चिम बंगाल के मतदाता अपना नाम कैसे जांचें?

अगर आप या आपके माता-पिता/रिश्तेदार 2002 की मतदाता सूची में दर्ज थे, तो आप इस तरह अपना नाम चेक कर सकते हैं:

वेबसाइट खोलें: https://ceowestbengal.wb.gov.in/

खुलने पर आने वाले पॉप-अप को बंद कर दें.

‘SIR 2002 Voter List’ ऑप्शन पर क्लिक करें.

इसके बाद आपको राज्य के 21 जिलों की सूची दिखाई देगी.

अपना जिला चुनें – जैसे कूचबिहार.

फिर अपनी विधानसभा क्षेत्र चुनें – जैसे मेखलीगंज.

इसके बाद उस क्षेत्र के मतदान केंद्रों की सूची खुलेगी.

अपने मतदान केंद्र के सामने अंतिम सूची (Final List) पर क्लिक करें.

अब स्क्रीन पर जो कैप्चा दिखे, उसे भरकर Verify करें.

अब PDF खुलेगी, जिसमें 2002 की मतदाता सूची होगी.

दूसरे पन्ने पर आपको नामों की सूची मिलेगी जहाँ यह विवरण होगा:

क्रम संख्या

मकान संख्या

मतदाता का नाम

पिता/पति का नाम

लिंग

उम्र

पहचान पत्र संख्या

इन्हीं विवरणों की मदद से आप आसानी से अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य का नाम खोज सकते हैं.

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चुनाव आयोग यह प्रक्रिया क्यों कर रहा है?

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अनुसार, कई राजनीतिक दल लगातार इस बात की शिकायत कर रहे थे कि मतदाता सूचियों में गड़बड़ी है. कई नाम डुप्लिकेट पाए जाते हैं, कई लोग अब उस पते पर नहीं रहते, और कुछ ऐसे नाम भी सूची में शामिल हो जाते हैं जिनकी पात्रता ही नहीं है. इसी को ठीक करने के लिए SIR को ज़रूरी माना गया है.

यह प्रक्रिया पहले भी हो चुकी है

1951 से लेकर 2004 तक देश में कुल 8 बार ऐसी गहन समीक्षा हो चुकी है. पिछली बार यह प्रक्रिया 2002 में हुई थी, यानी लगभग 22 साल पहले. इतने लंबे समय में कई लोग कहीं और बस चुके हैं, कुछ लोगों की मृत्यु हो चुकी है, और कुछ नए मतदाता भी जुड़े हैं. इसलिए सूची को एक बार फिर से व्यवस्थित करना ज़रूरी है.

कहाँ-कहाँ हो रही है SIR प्रक्रिया?

पश्चिम बंगाल के साथ-साथ यह प्रक्रिया निम्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में भी चल रही है: अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश. इनमें से तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं.

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