Vande Mataram 150 Years: वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर सोमवार (8 दिसंबर) को संसद के शीतकालीन सत्र के आठवें दिन बहस हुई. लोकसभा में बहस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. पीएम मोदी ने चर्चा के दौरान महात्मा गांधी से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना का जिक्र किया. इस जिक्र पर एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषण में प्रतिक्रिया दी.
बहस में हिस्सा लेते हुए ओवैसी ने कहा कि हम जिन्ना के पक्के विरोधी हैं, इसलिए हम भारत को अपना देश मानते हैं. लेकिन, 1942 में जिन राजनीतिक पूर्वजों की आप इतनी तारीफ करते हैं, उन्होंने नॉर्थ-वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस, सिंध और बंगाल में जिन्ना की मुस्लिम लीग के साथ मिलकर मिली-जुली सरकारें बनाईं और उन्हीं सरकार ने 1.5 लाख मुसलमानों और हिंदुओं को ब्रिटिश इंडियन आर्मी में भर्ती किया, ताकि वे दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों के लिए लड़ सकें.
हम भारत माता को देवी कह रहे हैं तो हम इसमें धर्म ला रहे हैं- ओवैसी
ओवैसी ने आगे कहा कि यदि हम भारत माता को देवी कह रहे हैं तो हम इसमें धर्म ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी आजादी बरकरार रही है, क्योंकि हमने मुल्क और मजहब को एक नहीं बनाया है. अगर हम वन्दे मातरम् को वफादारी कि पहचान बना देते हैं तो आप महान स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रहे हैं.
उन्होंने कहा- “वंदे मातरम को लेकर सरकार जबरदस्ती न करे, क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है और वफादारी का सर्टिफिकेट हर किसी से न लिया जाए. हमारे मुल्क के संविधान की शुरुआत ‘भारत माता’ से नहीं बल्कि ‘हम भारत के लोग’ से होती है. बाबा साहेब आंबेडकर ने मदर इंडिया के विचार को ख़ारिज कर दिया था.”
जब दस्तूर का पहला सफ़ा ही ख़याल, इज़हार, अक़ीदा, दीन और इबादत की पूरी आज़ादी देता है, तो फ़िर किसी शहरी को किसी ख़ुदा, देवी-देवता की इबादत या सज्दा के लिए कैसे मजबूर किया जा सकता है?” वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर लोकसभा में विशेष चर्चा के दौरान मेरी स्पीच pic.twitter.com/RqfXt27j32
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 8, 2025
खुदा के अलावा मैं किसी को नहीं मानता हूं- असदुद्दीन ओवैसी
ओवैसी ने कहा- “अगर ‘भारत में रहना है तो वंदे मातरम गाना होगा’ का नारा अनिवार्य करना है तो यह संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है. मैं एक मुसलमान हूं और इस्लाम को मानता हूं और खुदा के अलावा मैं किसी को नहीं मानता हूं और इसका अधिकार मुझे संविधान देता है. इससे हमारे मुल्क की मोहब्बत मेरे धर्म के बीच नहीं आती है.”
AIMIM चीफ ने कहा- “मेरे मजहब की बुनियादी तालीम तौहीद है, अल्लाह के सिवा हमारा कोई खुदा नहीं है. हम अपनी मां की और कुरान की इबादत नहीं करते हैं. जब दस्तूर का पहला सफा ही खयाल, इजहार, अकीदा, दीन और इबादत की पूरी आजीदी देता है, तो फिर किसी शहरी को किसी खुदा, देवी-देवता की इबादत या सज्दा के लिए कैसे मजबूर किया जा सकता है?”
ओवैसी ने लगाए हिंदू-मुस्लिम जिंदाबाद के नारे लगाए
ओवैसी ने अपने भाषण में भारत-हिंदू-मुसलमान-सिख-ईसाई-आदिवासी-दलित जिंदाबाद के नारे भी लगाए, जिसके बाद उनके सहयोगी उनकी तारीफ करते भी सुनाई दिए. उन्होंने कहा कि वतन मेरा है और हम वतन को छोड़कर नहीं जाएंगे. भारत एक चमन है, जहां हर फूल को खिलना चाहिए. अगर माली यह कहेगा कि सिर्फ एक ही फूल मिलेगा तो वो माली माली नहीं रहेगा, वो जल्लाद कहलाएगा.