Amul dark chocolate : हममें से कई लोग मानते हैं कि अमूल की डार्क चॉकलेट बाजार की सबसे अच्छी चॉकलेट्स में से एक है. इसके पैक पर बड़े अक्षरों में डार्क लिखा होता है और सामने की तरफ कोको या कोको बीन्स लिखा होता हैं. लेकिन क्या आपने कभी इसका पैक पलटकर पीछे लिखा हिस्सा ध्यान से पढ़ा है?
अगर आप अमूल की 55% डार्क चॉकलेट देखें, तो आपको पता चलेगा कि इसमें कंपनी ने कोको और वनीला के आर्टिफिशियल फ्लेवर मिलाए हैं. यानी स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें नेचुरल नहीं बल्कि आर्टिफिशियल स्वाद का इस्तेमाल किया गया है. आम तौर पर लोग मानते हैं कि डार्क चॉकलेट में कम से कम चीनी और ज्यादा कोको होता है, लेकिन अमूल की इस चॉकलेट में ऐसा नहीं है.
मीठापन क्यों है ज्यादा?
अमूल की 55% डार्क चॉकलेट में 100 ग्राम के हिसाब से लगभग 42 ग्राम चीनी पाई जाती है. ये मात्रा उनकी मिल्क चॉकलेट से भी ज्यादा है. अब सवाल उठता है, जब इसे डार्क कहा गया है तो इसमें इतनी ज्यादा चीनी क्यों?
दरअसल, भारत में ज्यादातर लोग मीठी चॉकलेट खाने के आदी हैं. हमारे लिए चॉकलेट का मतलब ही मीठा स्वाद होता है. इसी वजह से कंपनियां स्वाद को भारतीय पसंद के हिसाब से थोड़ा मीठा रखती हैं, ताकि लोग इसे आसानी से पसंद करें.
आर्टिफिशियल फ्लेवर डालने की वजह
कोको का दाम लगातार बढ़ता जा रहा है. अगर कंपनी हर बार असली और शुद्ध कोको इस्तेमाल करे, तो चॉकलेट की कीमत भी बढ़ जाएगी. इसलिए कई ब्रांड्स, जिनमें अमूल भी शामिल है, स्वाद बनाए रखने के लिए आर्टिफिशियल फ्लेवर मिलाते हैं. इससे लागत कम रहती है और चॉकलेट सस्ती भी लगती है.
कौन-सी डार्क चॉकलेट बेहतर है?
अगर आप सच में असली डार्क चॉकलेट का स्वाद लेना चाहते हैं, तो अमूल की 99% डार्क चॉकलेट एक बेहतर ऑप्शन है. इसमें न तो चीनी डाली गई है और न ही कोई आर्टिफिशियल फ्लेवर. हालांकि, इसका स्वाद काफी कड़वा होता है, जो हर किसी को पसंद नहीं आता.
अगर आप बहुत ज्यादा कड़वाहट पसंद नहीं करते, तो 75% या 90% वाली डार्क चॉकलेट एक भी अच्छी है. इनमें मिठास थोड़ी कम होती है और स्वाद ज्यादा नेचुरल लगता है.