Home > देश > Mumbai Airport: मुंबई हवाई अड्डे पर टला बड़ा हादसा, लैंडिंग के दौरान इंडिगो विमान के पिछला हिस्सा रनवे से टकराया…जाने एयरलाइन ने घटना के पीछे क्या वजह बताई?

Mumbai Airport: मुंबई हवाई अड्डे पर टला बड़ा हादसा, लैंडिंग के दौरान इंडिगो विमान के पिछला हिस्सा रनवे से टकराया…जाने एयरलाइन ने घटना के पीछे क्या वजह बताई?

Indigo Airlines Plane: शनिवार को मुंबई हवाई अड्डे पर उतरने की कोशिश करते समय इंडिगो के एक विमान का पिछला हिस्सा टकरा गया, जिससे एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया। लेकिन किसी के भी हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है।

By: Shubahm Srivastava | Published: August 16, 2025 8:13:15 PM IST



Indigo Airlines Plane: शनिवार को मुंबई हवाई अड्डे पर उतरने की कोशिश करते समय इंडिगो के एक विमान का पिछला हिस्सा टकरा गया, जिससे एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया। लेकिन किसी के भी हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है। एयरलाइन की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक विमान में सवार सभी यात्री और क्रू मेंबर्स सुरक्षित हैं।

इंडिगो ने आगे बताया कि प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण कम ऊँचाई पर गो-अराउंड करते समय एयरबस A321 विमान का पिछला हिस्सा रनवे से टकरा गया।

इंडिगो ने अपने बयान में क्या कहा?

एयरलाइन ने मुंबई हवाई अड्डे पर हुई घटना को लेकर बयान में कहा कि, “16 अगस्त, 2025 को, मुंबई में प्रतिकूल मौसम के कारण कम ऊँचाई पर गो-अराउंड करते समय इंडिगो एयरबस A321 विमान का पिछला हिस्सा रनवे से टकरा गया।”

इसके बाद, विमान ने एक और अप्रोच किया और सुरक्षित रूप से उतर गया। मानक प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, विमान का संचालन फिर से शुरू करने से पहले आवश्यक जाँच/मरम्मत और नियामक मंज़ूरी ली जाएगी।”

डीजीसीए ने जारी किया इंडिगो को कारण बताओ नोटिस

आपको बता दें कि इस घटना से कुछ दिन पहले ही डीजीसीए ने लगभग 1,700 पायलटों के ‘सिम्युलेटर’ प्रशिक्षण में कथित खामियों को लेकर इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। खबरों के अनुसार, 12 अगस्त को कहा गया था कि एयरलाइन से जुलाई महीने में मिले रिकॉर्ड और जवाबों की जाँच के बाद यह कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

दरअसल, सिम्युलेटर प्रशिक्षण में सीखने और कौशल विकास के लिए कंप्यूटर की मदद से वास्तविक दुनिया की परिस्थितियों और कार्यों जैसा माहौल ‘ऑनलाइन’ तैयार किया जाता है।

इसके अलावा, डीजीसीए ने यह भी पाया कि जिन सिमुलेटरों पर लगभग 1,700 पायलटों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया था, वे कालीकट, लेह और काठमांडू जैसे कुछ हवाई अड्डों पर संचालन के लिए उपयुक्त नहीं थे।

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