JeM Female Jihad: पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने एक नई रणनीति के तहत महिला ब्रिगेड के गठन की घोषणा की है. संगठन के संस्थापक और कुख्यात आतंकवादी मसूद अजहर ने बहावलपुर स्थित मरकज उस्मान-ओ-अली में अपने संबोधन के दौरान कहा कि यह ब्रिगेड भारत में “हिंदू महिलाओं” और महिला पत्रकारों का मुकाबला करने के लिए बनाई जा रही है.
JeM की महिला जिहादी ब्रिगेड
अपने संबोधन में, अजहर ने दावा किया कि इन महिलाओं को “वैश्विक जिहाद” में भाग लेने के लिए विशेष धार्मिक और सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा. उसने आरोप लगाया कि भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाएं और महिला पत्रकार उसके संगठन के खिलाफ “मनोवैज्ञानिक युद्ध” छेड़ रही हैं और इसके जवाब में, वह “महिला जिहादियों” को संगठित करेगा.
महिला ब्रिगेड के लिए 15 दिनों का कोर्स
ब्रिगेड की पहली इकाई का नाम “जमात-उल-मोमिनात” रखा गया है. इसकी महिला सदस्य पहले 15 दिनों का “दौरा-ए-तस्किया” कोर्स करेंगी, जिसमें उन्हें धार्मिक शिक्षा दी जाएगी. इसके बाद, उन्हें दो सप्ताह का जिहाद प्रशिक्षण दिया जाएगा. अजहर ने दावा किया कि इस ब्रिगेड में शामिल होने वाली महिलाएं “मृत्यु के बाद सीधे स्वर्ग जाएंगी.”
मसूद अज़हर की बहन करेगी यूनिट का नेतृत्व
इस यूनिट का नेतृत्व मसूद अज़हर की बहन सादिया अज़हर कर रही हैं. उनकी दूसरी बहन समायरा अजहर और पुलवामा हमलावर उमर फ़ारूक़ की विधवा अफ़ीरा फ़ारूक़ भी संगठन की शीर्ष समिति में शामिल हैं. समायरा ने कथित तौर पर हफ़्ते में पांच दिन ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी हैं, जिनमें महिलाओं को धार्मिक कट्टरवाद और जिहादी विचारधारा पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
पाकिस्तान में हर जगह स्थापित होंगी इसकी शाखाएं
अजहर ने कहा कि पाकिस्तान के हर ज़िले में जमात-उल-मोमिनात की शाखाएं स्थापित की जाएंगी, जिनका नेतृत्व एक पुरुष सदस्य करेगा जो महिलाओं की भर्ती और प्रबंधन की देखरेख करेगा. इस घोषणा ने एक बार फिर पाकिस्तान के “आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई” के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
महिलाओं के लिए कड़े नियम लागू
संगठन में शामिल होने वाली महिलाओं पर कड़े नियम लागू किए गए हैं—वे अपने पति या परिवार के अलावा किसी भी अजनबी से फ़ोन या टेक्स्ट मैसेज के जरिए संपर्क नहीं कर सकतीं.
इस कदम से संकेत मिलता है कि जैश-ए-मोहम्मद अब जिहाद का विस्तार करने के लिए अपने “महिला नेटवर्क” का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताएं और बढ़ गई हैं.
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