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Taxiway ‘M’: मुंबई एयरपोर्ट पर नया टैक्सीवे ‘एम’ शुरू, फ्लाइट देरी और भीड़ पर लगेगी लगाम, जानें- क्या होंगे फायदे?

Taxiway in Mumbai Airport: मुंबई एयरपोर्ट दुनिया के सबसे व्यस्त सिंगल-रनवे ऑपरेटेड एयरपोर्ट्स में शामिल है. यहां रोजाना लगभग 950 से अधिक उड़ानों की आवाजाही होती है. ऐसे में टैक्सीवे ‘M’ के शुरू होने से पीक आवर्स में विमान संचालन अधिक सुचारू रूप से हो सकेगा.

Published by Hasnain Alam

Taxiway ‘M’ News: महाराष्ट्र में मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई यातायात को सुचारू करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है. एयरपोर्ट ऑपरेटर ने नया टैक्सीवे ‘M’ संचालन में ला दिया है, जिससे रनवे पर लगने वाली भीड़ कम होगी और फ्लाइट्स का टर्नअराउंड समय बेहतर होगा. यह सुविधा खास तौर पर उन घंटों में राहत देगी जब एयरपोर्ट पर सबसे ज्यादा दबाव रहता है.

क्यों जरूरी था टैक्सीवे ‘M’?

मुंबई एयरपोर्ट दुनिया के सबसे व्यस्त सिंगल-रनवे ऑपरेटेड एयरपोर्ट्स में शामिल है. यहां रोजाना लगभग 950 से अधिक उड़ानों की आवाजाही होती है. मौजूदा स्थिति में रनवे 09/27 के समानांतर सिर्फ एक ही टैक्सी पाथ उपलब्ध था, जिस पर मेंटेनेंस, ट्रैफिक मैनेजमेंट और ग्राउंड ऑपरेशंस को लेकर लगातार चुनौतियां सामने आती थीं. ऐसे में एक अतिरिक्त टैक्सीवे की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी.

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नए टैक्सीवे से क्या बदलाव आएंगे?

रनवे 09/27 के समानांतर विमानों के आवागमन के लिए दूसरा मार्ग उपलब्ध टेकऑफ और लैंडिंग के बीच विमानों को कम समय तक इंतजार करना पड़ेगा.

  • पीक आवर्स में विमान संचालन अधिक सुचारू और तेज
  • एयरलाइंस के ऑन-टाइम परफॉर्मेंस में सुधार
  • ATC को ट्रैफिक मैनेजमेंट में अधिक लचीलापन मिलेगा

चुनौतियों के बीच पूरा हुआ निर्माण

टैक्सीवे ‘M’ का निर्माण आसान नहीं था. प्रस्तावित मार्ग में एयरक्राफ्ट रेस्क्यू एंड फायर फाइटिंग (ARFF) की इमारत आ रही थी. इसके बावजूद आपातकालीन सेवाओं में कोई बाधा आए बिना पूरी सुविधा को शिफ्ट किया गया और कार्य जारी रहा.

  • निर्माण की अवधि लगभग 240 दिन
  • सक्रिय रनवे और मानसून के बावजूद काम समय पर पूरा
  • DGCA की स्वीकृति के बाद 25 दिसंबर 2025 से संचालन शुरू
  • पर्यावरण और यात्रियों दोनों को फायदा
  • टैक्सीवे ‘M’ न सिर्फ संचालन क्षमता बढ़ाता है, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होगा
  • विमानों को कम दूरी तय करनी पड़ेगी, जिससे फ्यूल की बचत
  • ग्राउंड टाइम कम होने से कार्बन उत्सर्जन में कमी
  • भीड़ कम होने से यात्रियों के कुल सफर समय में सुधार
  • नए टैक्सीवे के शुरू होने के साथ ही मुंबई एयरपोर्ट अब न केवल मौजूदा दबाव को बेहतर तरीके से संभाल सकेगा, बल्कि भविष्य में बढ़ने वाले एयर ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए अपनी क्षमता भी मजबूत कर चुका है.
Hasnain Alam
Published by Hasnain Alam

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