Swaraj Kaushal Death: भाजपा नेता सुषमा स्वराज के पति और पूर्व मिजोरम राज्यपाल स्वराज कौशल का 4 दिसंबर, 2025 को निधन हो गया. वे वरिष्ठ अधिवक्ता और सांसद भी रह चुके हैं.
Swaraj Kaushal Death: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा Swaraj के पति, स्वराज कौशल का 4 दिसंबर, 2025 को निधन हो गया. ये जानकारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को दी. भाजपा ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार आज, 4 दिसंबर, 2025 को लोदी रोड श्मशान घाट पर किया जाएगा.
कौन है स्वराज कौशल?
स्वराज कौशल एक वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व मिजोरम राज्यपाल थे. उन्होंने अपने पेशेवर जीवन में हमेशा देश की सेवा को प्राथमिकता दी. उनके काम ने कानूनी और राजनीतिक क्षेत्र में उन्हें विशेष पहचान दिलाई.
स्वराज कौशल का जन्म 12 जुलाई, 1952 को हुआ था. उन्होंने दिल्ली और पंजाब विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और बाद में कानून का अभ्यास शुरू किया. केवल 34 साल की आयु में उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा दिया. इसके बाद, 37 साल की आयु में वे मिजोरम के राज्यपाल बने और 1990 से 1993 तक इस पद पर रहे.
संसद में योगदान
1998 में स्वराज कौशल ने हरियाणा विकास पार्टी के सदस्य के रूप में संसद में प्रवेश किया. वे 1998-1999 और 2000-2004 तक राज्यसभा के सदस्य रहे. सांसद के रूप में उन्होंने कानून, न्याय प्रणाली और संघीय ढांचे से जुड़े मामलों पर चर्चा की.
सांसद एवं प्रदेश मंत्री सुश्री बांसुरी स्वराज जी के पिताजी श्री स्वराज कौशल जी का आज 4 दिसम्बर, 2025 को निधन हो गया है।
उनका अंतिम संस्कार आज 4 दिसम्बर, 2025 को सायं 4.30 बजे लोधी रोड श्मशान घाट पर किया जायेगा।
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) December 4, 2025
स्वराज कौशल-सुषमा स्वाराज के बारे में
स्वराज कौशल ने 1975 में सुषमा Swaraj से विवाह किया. सुषमा स्वराज भारत की पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता थीं. सुषमा स्वराज का निधन 6 अगस्त, 2019 को दिल का दौरा पड़ने से हो गया था. इस दंपती की बेटी बांसुरी स्वराज भी भाजपा की नेता और लोकसभा सदस्य हैं.
मिजोरम में राज्यपाल के रूप में योगदान
स्वराज कौशल ने मिजोरम में राज्यपाल के रूप में संवैधानिक प्रक्रिया और शासन व्यवस्था को मजबूत किया. उनके कार्यकाल के दौरान राज्य में लोकतांत्रिक संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण हुआ. वे उत्तर-पूर्व के प्रशासनिक और राजनीतिक मामलों से जुड़े रहे.
हालांकि उन्होंने अपने बाद के सालों में सक्रिय राजनीति से पीछे हटकर काम किया, स्वराज कौशल कानूनी और सार्वजनिक मुद्दों पर लगातार सक्रिय रहे. उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें संघीय शासन, कानूनी सुधार और न्यायिक मामलों में महत्वपूर्ण संदर्भ बना दिया.