‘India News Manch’ के कॉन्क्लेव में सत्ता पक्ष और विपक्ष के दो दिग्गज चेहरों, सुधांशु त्रिवेदी और सुप्रिया श्रीनेत के बीच 2024-25 की राजनीति को लेकर हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. चर्चा की शुरुआत सैन्य अभियानों से हुई लेकिन जल्द ही यह चुनावी धांधली, धार्मिक प्रतीकों और आर्थिक नीतियों पर केंद्रित हो गई.
चुनावी निष्पक्षता और ‘वोट चोरी’ का आरोप
सुप्रिया श्रीनेत ने 2025 के राजनीतिक परिदृश्य पर बात करते हुए सीधे तौर पर चुनाव आयोग और सरकार पर ‘संस्थागत वोट चोरी’ का आरोप लगाया. सुप्रिया श्रीनेत ने कहा “देश ने पहली बार दिन-दहाड़े वोट चोरी होते देखी. हरियाणा की वोटर लिस्ट में ब्राजीलियन मॉडल की फोटो 22 बार दिखी. महाराष्ट्र में अचानक वोट बढ़ गए. कनपटी पर कट्टा रखकर जिस तरह से SIR (Voter List Revision) कराया जा रहा है और 40 के करीब BLO की मौत हो चुकी है, उस पर चर्चा होनी चाहिए.”
सुधांशु त्रिवेदी आंकड़ों के साथ पलटवार करते हुए कहा, “यूपी-बिहार में कांग्रेस 30 साल से साफ है, वहां क्या चोरी हो गया? जब विपक्ष जीतता है (जैसे केरल में) तो चुनाव निष्पक्ष होते हैं, और जब हम जीतते हैं तो चोरी? यह हार की हताशा में केवल शोर मचाना है.”
मनरेगा बनाम ‘श्री राम’
मनरेगा योजना में बदलाव और उसके नाम से महात्मा गांधी का नाम हटाने को लेकर विवाद गहराया. सुप्रिया श्रीनेत ने कहा “भाजपा ने गांधी जी को चौथी गोली मारी है. मनरेगा का नाम बदलकर ‘श्री राम’ (रोजगार आजीविका मिशन) करना भगवान का अपमान है. श्री राम हमारे आराध्य हैं, कोई एक्रोनिम (Acronym) नहीं. यह स्कीम ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ थी जिसे सरकार खत्म कर रही है.”
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा “2005 और 2025 के गांवों में अंतर है. हमने 100 दिन की गारंटी को 125 दिन किया है और इसे तकनीकी रूप से सशक्त बनाया है. अब बायोमेट्रिक हाजिरी होगी ताकि भ्रष्टाचार न हो. कांग्रेस को भारतीयों की काबिलियत पर भरोसा नहीं है, इसलिए वे डिजिटाइजेशन का विरोध करते हैं.”
हिजाब और महिला अधिकारों पर तीखी नोकझोंक
बहस के दौरान ‘हिजाब’ और ‘घूंघट’ के मुद्दे पर दोनों नेता व्यक्तिगत तर्कों पर उतर आए. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा सुधांशु ने जॉर्डन के शाही परिवार का हवाला देते हुए कहा कि वहां की महिलाएं हिजाब नहीं पहनतीं. उन्होंने सवाल किया कि क्या आधुनिक युग में इसकी आवश्यकता है?
सुप्रिया श्रीनेत ने इसे महिलाओं की पसंद का मुद्दा बताया और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “एक महिला होने के नाते मैं क्या पहनूं, यह मेरा अधिकार है. क्या आप जबरन किसी का नकाब हटाएंगे? आप महिलाओं के कपड़ों पर राजनीति कर रहे हैं.”
विदेश नीति और अडानी-हिंडनबर्ग का मुद्दा
सुप्रिया श्रीनेत ने प्रधानमंत्री की विदेश नीति को ‘अमेरिका के सामने नतमस्तक’ करार दिया, जिस पर सुधांशु ने तीखा जवाब दिया. सुप्रिया श्रीनेत ने कहा “आज हमारी फॉरेन पॉलिसी तबाह है. अमेरिका कहता है तेल मत खरीदो, तो हम नहीं खरीदते. अमेरिका कहता है सीजफायर करो, तो हम मान लेते हैं.”
सुधांशु ने कहा “कांग्रेस को हमेशा विदेशी कंपनियों से प्यार रहा है. जब भारतीय कंपनियां (LIC, SBI, HAL) मुनाफा कमा रही हैं, तो कांग्रेस हिंडनबर्ग और बीबीसी जैसी विदेशी ताकतों के साथ खड़ी होकर भारत को बदनाम करती है.”