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Land for jobs scam: लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, याचिका खारिज

Land for jobs scam:जमीन के बदले नौकरी घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की याचिका खारिज कर दी है।

By: Divyanshi Singh | Last Updated: July 30, 2025 3:26:31 PM IST



Land for jobs scam: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को ज़मीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में बड़ा झटका दिया। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शीर्ष अदालत के इस फैसले का तेजस्वी यादव की राजनीति पर गंभीर असर पड़ सकता है। अदालत ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगाने और सीबीआई की एफआईआर रद्द करने की मांग की थी।

क्या है मामला ? 

यह मामला वर्ष 2004-2009 के दौरान लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी देने के बदले कथित तौर पर ज़मीन हड़पने से जुड़ा है। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सुनवाई के बाद कहा कि वे इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे क्योंकि यह दिल्ली उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के विरुद्ध है।

हालांकि, अदालत ने लालू को निचली अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी और उच्च न्यायालय को उनकी मुख्य याचिका पर सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया। लालू ने एफआईआर रद्द करने की मांग को ही मुख्य याचिका बनाया है। इस याचिका पर अगली सुनवाई 12 अगस्त को हाईकोर्ट में होगी। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2004-2009 के दौरान बिहार के कई लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई, जिसके बदले में उन्होंने अपनी ज़मीन लालू के परिवार या सहयोगियों के नाम कर दी। इस सिलसिले में 2022 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है।

लालू ने दी थी ये दलील 

लालू ने दलील दी थी कि जाँच में 14 साल की देरी हो चुकी है और प्रारंभिक जाँच बंद होने के बाद फिर से कार्रवाई शुरू करना गैरकानूनी है। उन्होंने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत बिना अनुमति के जाँच को गैरकानूनी बताया। हाईकोर्ट ने 29 मई को मामले की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद लालू ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलीलें पेश कीं, लेकिन कोर्ट ने कहा कि सभी दलीलें अंतिम सुनवाई में रखी जा सकती हैं। इस फैसले से लालू की कानूनी मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि अब निचली अदालत में मुकदमा चलता रहेगा।

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