Home > देश > पिता की हत्या के बाद बेहद कम उम्र में शुरू की अन्याय के खिलाफ लड़ाई, इस तरह बन गए आदिवासियों के मसीहा, जानें कैसे शिबू सोरेन बने दिशोम गुरु

पिता की हत्या के बाद बेहद कम उम्र में शुरू की अन्याय के खिलाफ लड़ाई, इस तरह बन गए आदिवासियों के मसीहा, जानें कैसे शिबू सोरेन बने दिशोम गुरु

Shibu Soren:जब शिबू सोरेन ने 1970 के दशक में आदिवासियों को सूदखोरों के चंगुल से छुड़ाने के लिए महाजन विरोधी आंदोलन चलाया तभी से उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई। इसी आंदोलन ने उन्हें आदिवासियों के बीच मशहूर कर दिया।

By: Divyanshi Singh | Published: August 4, 2025 12:26:34 PM IST



Shibu Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा(JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का आज 81 साल की उम्र में गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। सोरेने के मौत के बाद पूरे झारखंड में शोक का लहर दौड़ गया है। झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है।सोरेन के चाहने वाले उन्हें प्यार से दिशोम गुरु कहते थे। जिसका मतलब देश का गुरु है। सोरेन ने अपने जीवन में आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन में भी वो जुड़े रहे। शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ था। अपने पिता के हत्या के बाद उन्होने बेहद कम उम्र में ही समाजिक अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़नी शुरू कर दी। 

राजनीतिक सफर की शुरुआत

जब शिबू सोरेन ने 1970 के दशक में आदिवासियों को सूदखोरों के चंगुल से छुड़ाने के लिए महाजन विरोधी आंदोलन चलाया तभी से उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई। इसी आंदोलन ने उन्हें आदिवासियों के बीच मशहूर कर दिया। आदिवासी उन्हें एक मजबूत नेता की तरह देखते थे जो उनके अधिकारों की बात करता था। 

झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए किया संघर्ष

शिबू सोरेन 1973 में एक ऐसी पार्टी बनाई जिसका मकसद झारखंड को बिहार से अलग करना था। उन्होने इस पार्टी का नाम झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) रखा। उन्होंने झारखंड को अलग राज्य बनाने का आंदोलन कई सालों तक जारी रखा। इस दौरान उन्हे कई बार गिरफ्तार किया गया। लेकिन वह अपना काम करते रहे। 15 नवंबर 2000 को कुछ ऐसा हुआ जिसके लिए वो कई सालों से इंतजार कर रहे थे इसी दिन झारखंड को बिहार से अलग कर के एक अलग राज्य बनाया गया। 

पूरा नहीं कर सकें कोई कार्यकाल

बता दें 2005 में शिबू सोरेन पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने। वो तीन बार झारखंड के सत्ता पर काबिज हुए लेकिन उनका कार्यकाल हमेशा छोटा रहा। 2 मार्च 2005 में जब वह पहली बार झारखंड के सीएम बने थे तब बहुमत साबित ना करने की वजह से उन्हें सिर्फ 10 दिन के अंदर अपने पद को छोड़ना पड़ा था। वहीं दूसरी 27 अगस्त 2008 में वो दूसरी बार राज्य के सीएम बने लेकिन इस बार भी अपना कार्यकाल पूरी नहीं कर सके और सिर्फ 4 महिने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं तीसरे दिसंबर 2009 में उनके तीसरे कार्यकाल की शुरुआत हुआ। जो मई 2010 तक रहा। यह इनका सबसे लंबा कार्यकाल रहा। मुख्यमंत्री के अलावा शिबू सोरेन कई बार लोकसभा सांसद भी चुने गए और केंद्रीय मंत्री भी रहे।

Shibu Soren Death News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का गंगा राम अस्पताल में निधन, पूरे झारखंड में शोक की लहर

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