Sharda University Suicide Case: ग्रेटर नोएडा से एक दुखद घटना सामने आई है, जहाँ शारदा विश्वविद्यालय के एक बीटेक छात्र ने अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बिहार के मधुबनी निवासी शिवम डे नामक छात्र का शव पंखे से लटका मिला। घटना की सूचना तब मिली जब छात्रावास के कर्मचारियों ने छात्र का शव देखा। कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें छात्र ने अपनी मौत के लिए पूरी तरह से खुद को ज़िम्मेदार बताया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, शिवम डे ने चादर से फंदा बनाकर पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। पुलिस को तुरंत सूचित किया गया और उन्होंने शव को पोस्टमार्टम के लिए अपने कब्जे में ले लिया। मौत की परिस्थितियों का पता लगाने के लिए पुलिस जाँच शुरू कर दी गई है।
सुसाइड नोट में क्या लिखा?
सुसाइड नोट में शिवम डे ने लिखा, “जब तक आप यह नोट पढ़ेंगे, मैं मर चुका होऊँगा। आत्महत्या करने का फैसला मेरा अपना है। इसके लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं है। यह दुनिया मेरे लिए नहीं है। मैं बस एक बेकार इंसान हूँ।”
उसने पुलिस से अपनी मौत के लिए किसी को ज़िम्मेदार न ठहराने की भी गुहार लगाई और कॉलेज प्रबंधन से उसके पिता को उसकी फ़ीस लौटाने का विशेष अनुरोध किया। उसने लिखा, “मैं एक अच्छा छात्र नहीं हूँ। शायद मैं इस शिक्षा प्रणाली के लिए नहीं बना था। मैं अपने अंगदान करना चाहता हूँ।”
नोट के एक अलग हिस्से में, उसने उन सभी से माफ़ी माँगी जिन्हें उसने शायद ठेस पहुँचाई हो। उसने लिखा, “मैं उन सभी लोगों से माफ़ी माँगता हूँ जिन्हें मेरी वजह से ठेस पहुँची है। माफ करना बाबा, मैं आपके बुढ़ापे में आपका साथ नहीं दे सका। मैं किसी भी तरह का तनाव और दबाव नहीं झेल सकता। माफ करना।”
पिता ने क्या कहा?
शिवम के पिता कार्तिक ने कहा, “मेरा बेटा दो महीने से घर पर था। उसने कभी ऐसी कोई बात नहीं कही। वह सामान्य रूप से बात करता था। कोई समस्या नहीं थी। वह 2 अगस्त को घर से लौटा था। उससे पहले, हम वैष्णो देवी गए थे। वहाँ भी सब ठीक था। वह मेरे परिवार का इकलौता बेटा था। अगर वह पढ़ाई नहीं करना चाहता था, तो वह मना कर सकता था।”
विश्वविद्यालय में पहले भी आत्महत्या का मामला
शारदा विश्वविद्यालय में आत्महत्या का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले, एक बीडीएस छात्र ने भी दो शिक्षकों पर आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी। दोनों शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया था और उस मामले की जाँच अभी भी जारी है, हालाँकि समिति की रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं हुई है।
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