SCO Summit 2025: अगले हफ़्ते चीन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए भारत ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है। अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों की तरह, यहाँ भी भारत आतंकवाद के मुद्दे को पूरी ताकत से उठाने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में, विदेश मंत्रालय ने भी साफ तौर पर कहा है कि शिखर सम्मेलन के संयुक्त घोषणापत्र में आतंकवाद, खासकर क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म की कड़ी निंदा को शामिल किया जाना चाहिए।
चीन में भारत करेगा पाक को चारों खाने चित्त
दरअसल, मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने कहा, “घोषणापत्र के पाठ को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हम अन्य सदस्य देशों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि इसमें आतंकवाद, खासकर सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा की जाए।” इस बयान से साफ है कि भारत, चीन के दोस्त पाक को उसी की जमीन पर घेरकर उसका असली चहरा दिखाएगा।
चीन ने दिखाई थी दोहरी नीति
आपको याद दिला दें कि इससे पहले जून में राजनाथ सिंह ने चीन के क़िंगदाओ में आयोजित एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया था। उस दौरान भारत ने संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। इसकी वजह यह थी कि मसौदे में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र नहीं था, लेकिन बलूचिस्तान का जिक्र जरूर था।
इस वजह से भारत ने कड़ा रुख़ अपनाया और राजनाथ ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। नतीजतन, उस बैठक से कोई संयुक्त घोषणापत्र जारी नहीं हो सका। साफ़ था कि चीन ने यहाँ भी पाकिस्तान का साथ दिया था।
पीएम मोदी चीन-पाक दोनों को देंगे जवाब!
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमलों के बाद से भारत और पाकिस्तान पर कई बड़े हमले हो चुके हैं। मोदी सरकार शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे बहुराष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल करके आतंकवाद का मुद्दा उठा रही है। पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर लिया गया है, लेकिन भारत का ‘सीमा पार आतंकवाद’ की लाइन पर अड़ा रहना उसके पड़ोसी को वैश्विक मंच पर कठघरे में खड़ा करता है।
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