Akhilesh Yadav: यूपी में इस समय राजनेताओं और मुस्लिम धर्मगुरुओं के बीच तीखी जुबानी जंग छिड़ी हुई है। हाल ही में रामपुर में समाजवादी पार्टी के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और कुछ महिला प्रतिनिधियों के बीच एक मस्जिद के अंदर इमाम की नमाज़ वाली जगह पर बैठक का एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसके बाद यूपी के मौलानाओं में एक अलग ही आक्रोश देखने को मिला। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी मस्जिद में हुई इस राजनीतिक बैठक पर कड़ी आपत्ति जताई है। जिसके चलते देवबंदी धर्मगुरु मौलाना कारी इसहाक गोरा ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
अखिलेश की इस हरकत पर भड़क उठे मौलाना
दुनिया भर के मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं का पालन करते हुए, इस घटना पर देवबंदी उलेमाओं की तरफ से कड़ी आपत्ति जताई गई और समाजवादी पार्टी को भी कड़ी चेतावनी दी गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, मक्का की तीर्थयात्रा पर गए प्रसिद्ध देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने वीडियो के माध्यम से एक बयान जारी किया। इस कृत्य पर कड़ी आपत्ति जताई है। मौलाना ने कहा कि मस्जिद अल्लाह का घर है, इबादतगाह है, इसका राजनीतिक इस्तेमाल पूरी तरह से शरीयत के खिलाफ है। मस्जिदें इबादत, तिलावत और रूहानी सुकून का केंद्र होती हैं, न कि राजनीतिक जलसों का।
अखिलेश को दे डाली चेतावनी
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को अल्लाह से इस काम के लिए तौबा करनी चाहिए और जनता के सामने आकर अपने गलत कदम के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को चेताते हुए कहा कि इस मुद्दे को हल्के में न लिया जाए। मौलाना ने ज़ोर देकर कहा कि इबादतगाहों का सम्मान, पवित्रता और शुद्धता हर राजनीतिक कदम से ऊपर होनी चाहिए। किसी को भी मस्जिद को अपनी राजनीति का मंच बनाने का हक़ नहीं है।