PM Kisan Yojana 21st Instalment Date: केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है इस योजना की 21वीं किस्त जल्द ही किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जा सकती है मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये राशि इस महीने के अंत तक किसानों को मिल सकती है.
PM-KISAN योजना साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी. इसका मेन उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक मदद देना है. योजना के तहत हर साल किसानों को कुल 6,000 रुपये की सहायता दी जाती है. ये राशि सीधे तीन समान किस्तों में उनके बैंक खातों में भेजी जाती है.
पिछली किस्तों का डिटेल
20वीं किस्त 2 अगस्त 2024 को जारी की गई थी. उस समय लगभग 9.7 करोड़ किसानों के खाते में कुल 20,500 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे. 19वीं किस्त 24 फरवरी 2024 को जारी हुई थी. पिछले अनुभव के अनुसार, किस्तों के बीच अंतर आमतौर पर 4 से 6 महीने का होता है. इसलिए विशेषज्ञों का अनुमान है कि 21वीं किस्त नवंबर 2025 के अंत तक आ सकती है.
किसानों को मिलने वाले लाभ
पीएम किसान योजना के तहत सालाना 6,000 रुपये की सहायता मिलती है. ये राशि हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन किस्तों में दी जाती है पहली किस्त अप्रैल से जुलाई, दूसरी अगस्त से नवंबर और तीसरी दिसंबर से मार्च के बीच आती है. इस योजना का मकसद किसानों को बीज, खाद, उपकरण और अन्य कृषि सामग्रियों के लिए आर्थिक सहारा देना है.
पात्रता: किसे मिलेगा पैसा?
इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने ई-केवाईसी और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर ली हो. जिन किसानों ने 20वीं किस्त के समय ये प्रक्रिया नहीं पूरी की थी, उन्हें अगली किस्त नहीं मिलेगी. पात्र किसान pmkisan.gov.in पोर्टल पर जाकर अपनी स्थिति जांच सकते हैं. अगर उनकी ई-केवाईसी पूरी है, तो 21वीं किस्त का पैसा सीधे उनके बैंक खाते में आएगा.
योजना का महत्व
कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. ये योजना किसानों को प्रत्यक्ष आर्थिक मदद देती है. भले ही ये राशि छोटी लगे, लेकिन ये मौसमी खर्चों को पूरा करने और खेती में निवेश बढ़ाने में मदद करती है. सरकार का उद्देश्य है कि किसान बिना किसी मध्यस्थ पर निर्भर हुए अपनी जरूरतें पूरी कर सकें.
21वीं किस्त की आधिकारिक तारीख अभी घोषित नहीं हुई है. हालांकि पिछले पैटर्न के अनुसार ये नवंबर 2025 के अंत तक जारी की जा सकती है. सरकार लाभार्थियों के डाटा की वेरिफिकेशन प्रक्रिया भी कर रही है, ताकि फर्जी लाभार्थियों को भुगतान न हो.