Rakhi for PM Modi: भाई-बहन के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन में बस कुछ ही घंटे बचे हैं। इसी क्रम में पाकिस्तानी मूल की महिला कमर मोहसिन शेख ने भी अपने भाई को राखी बांधने की तैयारी कर ली है। हर साल की तरह इस बार भी वह देश के पीएम मोदी को राखी बांधेंगी। जी हाँ, आपने सही पढ़ा – कमर मोहसिन शेख पिछले 30 सालों से पीएम मोदी को राखी बांधती आ रही हैं। और इस बार भी उन्होंने पूरी तैयारी कर ली है।
‘ॐ’ चिन्ह वाली राखी पीएम मोदी के लिए
पीटीआई से बात करते हुए, कमर मोहसिन शेख ने बताया कि वह हर साल ढेर सारी राखियाँ बनाती हैं और फिर प्रधानमंत्री की कलाई पर बाँधने के लिए अपनी पसंद की राखी चुनती हैं। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के लिए ख़ास तौर पर पवित्र ‘ॐ’ चिन्ह वाली राखी डिज़ाइन की है।
कमर कहती हैं कि पीएम मोदी को घर की बनी चीज़ें बहुत पसंद हैं। इसलिए वह अपने हाथों से उनके लिए राखियाँ बनाती हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि जब वह कोई पत्र लिखती हैं, तो उसे बाज़ार से खरीदने के बजाय, अपने हाथों से गुजराती भाषा में लिखती हैं।
कमर ने यह भी बताया कि हर साल वह रक्षाबंधन से एक महीने पहले ही अपनी तैयारियाँ शुरू कर देती हैं। वह चार-पाँच राखियाँ बनाती हैं और अपनी पसंद की राखियाँ चुनकर मोदी के हाथ पर बाँधती हैं।
VIDEO | As Rakshabandhan approaches, Qamar Mohsin Sheikh, a Pakistani-origin woman living in Ahmedabad, is once again preparing to tie a handmade rakhi to Prime Minister Narendra Modi, continuing a unique tradition that has lasted around 30 years.
Every year, Sheikh crafts… pic.twitter.com/SMWi5iPyc6
— Press Trust of India (@PTI_News) August 6, 2025
कैसी है बहन…
पाकिस्तान में जन्मी क़मर ने बताया कि वह पिछले 30 सालों से पीएम मोदी को राखी बांधती आ रही हैं। दरअसल, क़मर मोहसिन शेख की शादी अहमदाबाद के एक चित्रकार मोहसिन शेख से हुई थी। उन्होंने बताया कि साल 1994-95 में जब वह पहली बार मोदी जी से एक कार्यक्रम में मिली थीं, तब वह संगठन के कार्यकर्ता थे।
उस दौरान उन्होंने क़मर से उनका हालचाल पूछा और कहा, “कैसी हो बहन?” शेख कहती हैं कि उनके शब्द मेरे दिल को छू गए। वह कहती हैं कि उसके चार-पांच दिन बाद रक्षाबंधन था। उन्होंने सोचा कि उन्हें मोदी को राखी बांधनी चाहिए और तब उन्होंने पहली बार मोदी की कलाई पर राखी बांधी। तब से, वह मोदी के हाथ पर अपने हाथों से बंधी राखी बांधती हैं।