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Odisha News: उपमुख्यमंत्री के चुनावी क्षेत्र पटनागढ़ अस्पताल में बारिश से जलभराव, मरीजों की बढ़ी मुश्किलें, लोगों में नाराजगी

Odisha News: लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने ओडिशा के बलांगीर ज़िले के पटनागढ़ अस्पताल की स्थिति को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है।

By: Mohammad Nematullah | Published: September 3, 2025 10:09:23 AM IST



अक्षय महाराणा की रिपोर्ट, Odisha News: लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने ओडिशा के बलांगीर ज़िले के पटनागढ़ अस्पताल की स्थिति को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। अस्पताल के वार्ड और यहां तक कि मरीजों के बेड तक पानी भर जाने से मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को हुई तेज बारिश के बाद अस्पताल के विभिन्न हिस्सों में घुटनों तक पानी जमा हो गया।

बारिश का पानी अस्पताल परिसर में घुस आया

अस्पताल जैसी अहम जगह पर यह स्थिति गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि मरीजों को इलाज मिलने के बजाय उन्हें अब पानी में भीगते हुए अपनी जान बचाने की चिंता करनी पड़ रही है। कई वार्डों में भर्ती मरीजों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो गईं। स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों में आक्रोश है कि अस्पताल में ड्रेनेज सिस्टम की भारी लापरवाही के कारण यह हालत बनी है। समय पर नालियों की सफाई और पानी की निकासी के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं किए गए, जिसके चलते बारिश का पानी अस्पताल परिसर में घुस आया। कुछ कर्मचारी मॉप और बाल्टियों से पानी बाहर निकालने की कोशिश करते दिखे, लेकिन मशीनरी और संसाधनों की कमी के कारण राहत का काम बेहद धीमी गति से हुआ।

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स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं

इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। खास बात यह है कि पटनागढ़ विधानसभा क्षेत्र ओडिशा के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव का निर्वाचन क्षेत्र है। इसके बावजूद अस्पताल की यह स्थिति लोगों में आक्रोश पैदा कर रही है। जब एक प्रमुख नेता के क्षेत्र का अस्पताल ही बारिश से सुरक्षित नहीं है, तो अन्य इलाकों की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि अस्पताल प्रशासन और नगर प्रशासन तुरंत कार्रवाई करते हुए नालियों की सफाई, पानी निकासी की मशीनों और आपातकालीन प्रबंधन योजनाओं को लागू करें, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने। बारिश का मौसम अभी बाकी है और लोगों को डर है कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

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