Noida Airport : नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के उद्घाटन की तैयारियों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को स्थल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने एयरपोर्ट के विभिन्न सेक्शनों का दौरा कर निर्माण कार्यों की प्रगति का आकलन किया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की.
मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को सभी कार्य निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन का प्रमुख केंद्र बनेगा. वहीं, जेवर के विधायक ने बताया कि ये एयरपोर्ट न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर की बढ़ती जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेश और प्रगति के नए दौर में प्रवेश दिलाएगा. 30 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया जाएगा. उद्घाटन के 45 दिनों के भीतर 10 मेन शहरों (जैसे बेंगलुरु, मुंबई और कोलकाता) के लिए उड़ानें शुरू हो जाएंगी.
10 स्थायी और 3 अस्थायी एरो ब्रिज तैयार
टर्मिनल बिल्डिंग से यात्रियों की विमान में बोर्डिंग के लिए कुल 10 स्थायी एरो ब्रिज बनाए गए हैं. इन एरो ब्रिज के माध्यम से यात्री सीधे टर्मिनल बिल्डिंग से विमान में प्रवेश कर सकेंगे, जिससे यात्रा प्रक्रिया तेज होगी. इसके अलावा, 3 अस्थायी एरो ब्रिज भी तैयार किए गए हैं जिन्हें जरूरत अनुसार किसी भी विमान से जोड़ा जा सकता है. ये मोबाइल एरो ब्रिज विशेष रूप से उन स्थितियों में उपयोग किए जाएंगे जब ज्यादा बोर्डिंग गेट्स की जरूरत पड़ेगी.
दो कार्गो स्टैंड से होगी सामान की लोडिंग और अनलोडिंग
यात्रियों के साथ-साथ एयर कार्गो संचालन को ध्यान में रखते हुए टर्मिनल बिल्डिंग के सामने दो विशेष कार्गो स्टैंड बनाए गए हैं. यहां से विमानों में सामान की लोडिंग और अनलोडिंग की जा सकेगी. 30 एकड़ में फैले मल्टी-मॉडल कार्गो हब से देश और विदेश के बाजारों तक सामान की आपूर्ति की जाएगी. इस प्रक्रिया को आसान और तेज बनाने के लिए यहां अत्याधुनिक क्रेन सिस्टम और सिंगल विंडो एयरपोर्ट कार्गो कम्युनिटी सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे डेटा और वस्तुओं को सही से चेक किया जा सकेगा.
यात्रियों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक एटीआरएस मशीन
नोएडा एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है. टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश से पहले यात्रियों के हैंड बैग और केबिन बैगेज की जांच के लिए एटीआरएस (Automated Tray Retrieval System) मशीन लगाई गई है. ये मशीन कम समय में ज्यादा सटीकता के साथ जांच करने में सक्षम है. यहां कुल 13 सुरक्षा लेन चालू रहेंगी ताकि यात्रियों को लंबी कतारों में न लगना पड़े. इस व्यवस्था से ये सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी यात्री विमान में हथियार, विस्फोटक, चाकू या ज्वलनशील पदार्थ लेकर प्रवेश न कर सके.
एयरपोर्ट तक पहुंचने के आसान मार्ग
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पहुंचना यात्रियों के लिए बेहद आसान होगा.
दिल्ली से दूरी: लगभग 70–75 किलोमीटर.
नोएडा से दूरी: लगभग 40 किलोमीटर.
ग्रेटर नोएडा से दूरी: लगभग 25–30 किलोमीटर.
यात्री यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के माध्यम से सीधे एयरपोर्ट तक पहुंच सकते हैं. इसके अलावा निजी वाहन, टैक्सी या कैब (जैसे Ola, Uber आदि) से यात्रा करना सबसे सुविधाजनक ऑप्शन रहेगा.
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश के सबसे आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल हवाई अड्डों में से एक बनने जा रहा है. यहां की सुविधाएं यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय लेवल का एक्सपीरिएंस देने के लिए तैयार की गई हैं. एरो ब्रिज से लेकर सुरक्षा जांच प्रणाली तक, हर सुविधा अत्याधुनिक तकनीक पर बेस्ड है.