Narendra Modi Ram Mandir: अयोध्या के साथ-साथ देश-दुनिया के लिए भी 25 नवंबर, 2025 का दिन बेहद खास रहा. अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर मंगलवार (25 नवंबर, 2025) को धर्म ध्वजा फहरा दी गई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इस दौरान भगवान श्रीराम को नमन किया. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यह ध्वजारोहण अभिजीत मुहूर्त में संपन्न हुआ. वहीं, पीएम नरेन्द्र मोदी अयोध्या में धर्म ध्वजा फरहाने के बाद सीधे हरियाणा के कुरुक्षेत्र पहुंचे. यहां पर पीएम ने पाञ्चजन्य शंख स्मारक का शुभारंभ किया. इसके बाद कार्यक्रम की अगली कड़ी में PM श्रीगुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस पर हो रहे समागम में पहुंचे. यहां पर शहीदी दिवस के मौके पर एक सिक्का जारी किया. इस दौरान जनसभा को संबोधित करते प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया. इस स्टोरी में जानते हैं पीएम के दो राज्यों और दो शहरों में रहने और उनकी बातों का संकेत.
अयोध्या में शांति तो कुरुक्षेत्र में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र
अयोध्या में जहां पीएम ने शांति, मर्यादा और धर्म की बात की तो कुरुक्षेत्र में पहुंचने पर उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र कर दिया. कुरुक्षेत्र में उन्होंने मुगलों की ज्यादाती और धर्म परिवर्तन का भी जिक्र किया. एक ही दिन में कुछ घंटों के अंतराल में पीएम मोदी की कहीं गई ये बातें बहुत कुछ इशारा करती हैं. अय़ोध्या में उन्होंने राम की महिमा के बारे में बताया तो कुरुक्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि नया भारत अब भयभीत नहीं होता. उन्होंने यह भी कहा कि नया भारत अब अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा.
इशारों में दिया पाकिस्तान को संदेश
पीएम मोदी ने गुरु तेग बहादुर की शहादत के उपलक्ष्य में कुरुक्षेत्र में इशारों-इशारों में पाकिस्तान को एक सशक्त संदेश दिया. उन्होंने नशे की समस्या पर भी चिंता जताई.यहां पर बता दें कि पाकिस्तान लगातार नशे और हथियार की खेप सप्लाई करने की फिराक में रहता है, जिससे भारत को नुकसान हो. इसी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने युवाओं से गुरुओं की शिक्षाओं का पालन करने का आग्रह किया. इस मौके पर उन्होंने अपनी अयोध्या यात्रा का उल्लेख करते हुए भारत की सांस्कृतिक विरासत के संगम पर प्रकाश डाला.
पीएम ने क्या कहा अयोध्या?
वहीं, कुरुक्षेत्र में आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में धर्म ध्वज फहराने के बाद कहा कि राम भेद से नहीं भाव से जुड़ते हैं. उन्हें शक्ति नहीं, सहयोग महान लगता है. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वर्ष 2014 से किसान, श्रमिक, महिला, दलित, पिछड़े, अति-पिछड़े, आदिवासी, वंचित और युवा हर वर्ग को विकास के केंद्र में रखा गया है. सबके प्रयास से ही 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, तब तक हमें विकसित भारत का निर्माण करना ही होगा. उन्होंने कहा कि राम के चरित्र की गहराई को समझना चाहिए. हमें याद रखना चाहिए कि राम का अर्थ है मर्यादा, राम का अर्थ है जीवन और आचरण का सर्वोच्च आदर्श.
पीएम ने किया 9 नवंबर, 2019 की बात का जिक्र
इसके बाद यानी रामायण की नगरी अयोध्या के बाद गीता की नगरी कुरुक्षेत्र पहुंचे पीएम ने कहा कि 5-6 साल पहले एक और अद्भुत संयोग बना था. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में 9 नवंबर को जब राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया था, तो उस दिन मैं करतारपुर साहिब कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए डेरा बाबा नानक में था. इस दौरान पीएम ने प्रार्थना की थी कि राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो, करोड़ों रामभक्तों की आकांक्षा पूरी हो. इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत सरकार ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के चरणों में एक स्मृति डाक टिकट और विशेष सिक्का भी जारी किया.
औरंगेजब का किया जिक्र
पीएम ने गुरु तेज बहादुर को भी याद किया और कहा कि उस क्रूर औरंगजेब ने गुरु साहिब को बंदी बनाने का आदेश दिया. लेकिन, गुरु साहिब ने खुद दिल्ली जाने की घोषणा कर दी. मुगल आक्रांताओं के उस काल में कश्मीरी हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण किया जा रहा था. इसके उलट श्री गुरु तेग बहादुर ने इस्लाम स्वीकार करने से मना कर दिया.