Can Muslims Join RSS: क्या आप जानते हैं कि RSS का हिस्सा मुसलमान भी हो सकते हैं। जी हाँ RSS के पास मुस्लिम समुदाय के लिए पहले से ही एक शाखा है। जिसे हम मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नाम से जानते हैं। खास बात ये है कि ये संगठन RSS की विचारधारा से प्रेरित राष्ट्रवादी मुसलमानों का एक मंच है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संगठनों में से एक होने का गौरव भी प्राप्तहै। वहीँ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इसके राष्ट्रीय संयोजक मुहम्मद अफ़ज़ल हैं, जबकि इंद्रेश कुमार इसके मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं। यह मंच भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद के प्रति समर्पित मुस्लिम नागरिकों को एकजुट करता है,इतना ही नहीं बल्कि ये संगठन बताता है कि संघ की विचारधारा में समावेशिता का एक पहलू पहले से ही मौजूद है।
RSS में शामिल होने के लिए मुसलामानों को करना पड़ता है ये काम
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने एक ऐसा बयान दिया था जो सुर्खियाँ बटोर रहा था । उन्होंने कहा था कि मुसलमान भी आरएसएस में शामिल हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए एक शर्त है। उन्हें “भारत माता की जय” का नारा मानना होगा और भगवा ध्वज का सम्मान करना होगा। यह बयान न केवल संघ की विचारधारा को लेकर चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि देश के सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश में एक नई बहस को भी जन्म दे रहा है।
RSS के दरवाजे हर धर्म के लिए खुले हैं
इस दौरान मोहन भागवत स्पष्ट किया कि आरएसएस की विचारधारा में पूजा-पाठ या धार्मिक रीति-रिवाजों के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उनके शब्दों में, “संघ के द्वार भारत के हर पंथ, समुदाय और जाति के लिए खुले हैं। चाहे वो हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो या ईसाई हो। सभी का स्वागत है। लेकिन एक बात स्पष्ट है, यहाँ उन लोगों के लिए कोई जगह नहीं है जो खुद को औरंगज़ेब का वंशज मानते हैं।