Mumbai Crime News: मुंबई के कमाठीपुरा इलाके की बदनाम गली नंबर 12 से बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि, महज 100 रुपये नहीं लौटाने पर रेशमा की हत्या कर दी गई है। पुलिस का आरोप है कि रेशमा को उसके परिचित जितेंद्र सिंह ने तड़पा-तड़पाकर मार डाला। वजह इतनी छोटी है कि सोचकर कोई भी हैरान हो सकता है। रेशमा की आत्मा अदालत से न्याय की उम्मीद करती है। लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है।
अदालत ने दी इसकी इजाजत
अदालत ने जितेंद्र के वकीलों को मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मी से दोबारा सवाल पूछने की इजाजत दे दी है। 13 अक्टूबर, 2019 की रात को आखिर हुआ क्या था। मजबूरियां 30 साल की रेशमा को रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा की बदनाम गलियों में खींच ले गईं। पुलिस के मुताबिक, यहीं उसकी जान-पहचान कैटरिंग का काम करने वाले जितेंद्र से हुई। 13 अक्टूबर, 2019 को जितेंद्र रेशमा से मिलने आया था। अय्याशी के लिए 400 रुपए में सौदा तय हुआ। बाद में जितेंद्र ने 500 रुपए का नोट दिया, लेकिन रेशमा ने 100 रुपए लौटाने से इनकार कर दिया।
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100 रुपये नहीं लौटाने पर कर दी हत्या
बस इसी छोटी सी बात पर दोनों में कहासुनी हो गई। जितेंद्र कैटरिंग का काम करता था और उसके बैग में अक्सर चाकू और किचन का दूसरा सामान रहता था। सिर्फ 100 रुपए न लौटाने पर जितेंद्र इतना भड़क गया कि उसने बैग से चाकू निकाला और रेशमा की गर्दन पर ताबड़तोड़ कई वार किए। रेशमा की चीखें सुनकर वहां से गुजर रहे मोहम्मद शाहबाज हनीफ नाम के शख्स ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन जितेंद्र उसे जान से मारने पर तुला हुआ था। उसने उसे भी घायल कर दिया और भाग गया।
मामला अदालत में अभी भी जारी
जितेंद्र के खिलाफ मामला अभी भी अदालत में चल रहा है। अब तक सरकारी वकील की ओर से 17 गवाह पेश किए जा चुके हैं। इनमें पुलिस कांस्टेबल राहुल धुले भी शामिल हैं, जिन्होंने शुरुआती जांच में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन अब जितेंद्र के मौजूदा वकीलों ने राहुल धुले से पूछताछ के लिए दोबारा याचिका दायर की है। उनका दावा है कि पहले जो वकील इस केस को संभाल रहे थे, वे ठीक से पूछताछ नहीं कर पाए।
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ट्रायल कोर्ट ने याचिका को कर दिया था खारिज
ट्रायल कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे मंजूरी दे दी है। अहम बात यह है कि हाईकोर्ट के जज का भी मानना है कि राहुल धुले से इस मामले में ठीक से पूछताछ नहीं हुई है। अब मामले में पुलिस कांस्टेबल की गवाही अहम हो गई है। अब यह तो आने वाला समय ही तय करेगा कि क्या जितेंद्र वाकई रेशमा का कातिल है या इस मर्डर मिस्ट्री में कोई नया एंगल आने वाला है।
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