Home > देश > Mumbai Terror Attack: 26 नवंबर 2008 को मुंबई में क्या हुआ था? जिससे हिल गया था देश, पढ़ें आतंक की पूरी कहानी

Mumbai Terror Attack: 26 नवंबर 2008 को मुंबई में क्या हुआ था? जिससे हिल गया था देश, पढ़ें आतंक की पूरी कहानी

Mumbai Terror Attack: 26 नवंबर 2008 का वो काला दिन. जिस दिन पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई पर हमला कर दिया था और 4 दिनों तक गोलीबारी के अलावा कई जगहों पर विस्फोट किए थे. इस हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे, वहीं 600 लोग घायल हो गए थे.

By: Shivi Bajpai | Last Updated: November 26, 2025 1:27:30 PM IST



Mumbai Terror Attack: आज मुबंई को हिलाकर रख देने वाले इस हमले के पूरे 16 साल बीत चुके हैं. पर आज भी उसे याद करके लोगों की रूह कांप जाती है. तो आइए जानते हैं इस हमले के बारे में विस्तार से. 4 दिन के ऑपरेशन में भारतीय सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया था, जबकि आमिर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था जिसे 2012 में फांसी दी गई थी. 26 नवंबर 2008 को मुंबई के ताज महल होटल में गोलीबारी के दौरान भारतीय सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला था, जब आतंकियों ने वहां हमला किया था. हमले के दौरान वहां पर 450 गेस्ट मौजूद थे और यहां पर ये ऑपरेशन 4 दिनों तक चला था.

26/11 हमला क्या था और कैसे हुआ?

26/11 का हमला एक पूरा आतंकी ऑपरेशन था. एक साथ कई जगहों पर हमला हुआ था जिसमें मुंबई का प्रसिद्ध ताज होटल, ओबेरॉय-ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और नरीमन हाउस शामिल थे. आतंकियों ने समुद्र के रास्ते से मुबंई में घुसकर शहर को कई घंटों तक बंधक जैसा बना दिया था. इस हमले में करीब 160 लोगों की जान गई थी, जबकि 200 से भी ज्यादा लोग घ्याल हो गए थे.

कौन थे 26/11 के हमलावर 

हमले में कुल 10 आंतकी शामिल थे. इनमें से नौ तो मुठभेड़ में मारे गए, लेकिन एक आमिर अजमल था जिसे जिंदा पकड़ा गया था. यही गिरफ्तारी आगे चलकर जांच की सबसे बड़ी कड़ी साबित हुई, जिसने पूरे ऑपरेशन, ट्रेनिंग और पाकिस्तान में हुई प्लानिंग की सच्चाई उजागर कर दी.

आमिर अजमल कसाब को कैसे पकड़ा गया था?

कसाब की गिरफ्तारी किसी फिल्मी सीन से कम नहीं थी. सब-इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले ने गोलियों की मार झेलते हुए बंदूक पकड़ ली और अपनी जान की परवाह किए बिना उसे काबू में कर लिया. इनकी बहादुरी के कारण ही उस हमलावर को पकड़ लिया गया था.

26/11 हमले की प्लानिंग किसने की थी?

इस हमले में कई साजिशें रची गई थी. डेविड हेडली ने भारत के अलग-अलग शहरों में घूमकर होटलों, समुद्री किनारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों की हर छोटी-छोटी जानकारी को इकट्ठा किया था. उसे ये काम करने में ताहवुर राणा से मदद मिली, जिसने उसे बिजनेस के नाम पर कवर दिया. हमले के असली मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा के टॉप ऑपरेटर हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी को माना गया, जिन्होंने ट्रेनिंग से लेकर पूरी प्लानिंग तक सब संभाला.

ट्रेनों की बदल रही चाल-ढाल, जल्द ही चलेंगी वंदे भारत स्लीपर-अमृत भारत एक्सप्रेस-नमो भारत-बुलेट और हाइड्रोजन ट्रेन, जानें फीचर्स

कैसे मिली अजमल कसाब को सजा?

अजमल कसाब पर कोर्ट ने हत्या, आतंक फैलाने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे 89 गंभीर आरोप लगाए थे. काफी समय की सुनवाई के बाद साल 2010 में उसे मौत की सज़ा सुनाई गई थी और 2012 सुप्रीम कोर्ट इस फैसले पर टिकी रही और उसे फांसी की सजा दी गई .

26/11 आतंकी हमले के बाकी गुनहगारों का क्या हुआ?

डेविड हेडली, जिसने भारत के बारे में सारी जानकारी जुटाई थी, उसे अमेरिकी कोर्ट ने 35 साल की सजा दी है. वहीं ताहवुर राणा भले ही 26/11 की साजिश से बरी हो गया, लेकिन अन्य आंतकी मामलों में उसे 14 साल की सजा मिली. 2023 में अमेरिकी अदालत ने उसे भारत को सौंपने की मंजूरी दी. लखवी और हाफिज सईद पर पाकिस्तान ने टेरर फाइनेंसिंग के मामलों में कार्रवाई की, लेकिन 26/11 की मूल साजिश में उस स्तर की कार्रवाई अब तक नहीं दिखाई दी. वहीं अबू जिंदाल, जो हमले के दौरान फोन पर आतंकियों को निर्देश दे रहा था, उसका ट्रायल भारतीय अदालत में अभी भी जारी है.

ट्रेन है या इवेंट हॉल? बर्थडे पार्टी से लेकर फोटोशूट तक सब मुमकिन, जानें पूरी डिटेल

Advertisement