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Mumbai: महानगरपालिका की नोटिस को किया नज़रअंदाज़, गई 15 लोगों की जान

Mumbai: महानगरपालिका की नोटिस को किया नज़रअंदाज़, गई 15 लोगों की जान, बच्ची का पहला बर्थडे मना रहा था परिवार, कौन जनता था होगा आखिरी?

By: Swarnim Suprakash | Published: August 28, 2025 7:06:06 PM IST



मुंबई से सुधाकर कश्यप की रिपोर्ट 
Mumbai: पालघर जिले के विरार (पूर्व) स्थित नारंगी फाटा इलाके के रामू कंपाउंड में ”रमाबाई अपार्टमेंट” नामक चार मंजिला इमारत 2012 में बनाई गई थी। इस इमारत को वसई-विरार महानगरपालिका ने बेहद खतरनाक इमारत घोषित किया था। बारिश के दरम्यान इस खतरनाक इमारत को नेटिस भी दिया गया था। परन्तु इस इमारत में रहने वाले लोगों के ऊपर इसका कोई असर नहीं हुआ। नतीजतन इमारत के एक हिस्से के ढह जाने से 15 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। मृतकों में एक मां बेटी की जोड़ी भी शामिल है। जबकि, 9 लोग घायल बताए जा रहे हैं और दो मिसिंग हैं।

बच्ची का पहला बर्थडे मना रहा था परिवार, कौन जनता था होगा आखिरी? 

‘रमाबाई अपार्टमेंट’ की चौथी मंजिल पर ओंकार जोयल का परिवार रहता था। हादसे से कुछ मिनट पहले तक ओंकार बेटी उत्कर्षां का पहला बर्थडे मना रहे थे। जन्मदिन की पार्टी में दोस्त और परिवार के लोग भी शामिल हुए थे लेकिन अब चौथी मंजिल पर रहने वाले ओंकार का पूरा परिवार उजड़ चुका है। जोयल परिवार ने बेटी उत्कर्षा का बर्थडे मनाने के लिए घर को अच्छे तरीके से सजाया था। केक काटने के महज कुछ मिनट के बाद ही बिल्डिंग का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया और इसी मलबे में जोयल परिवार समा गया। मासूम बच्ची और उसकी मां का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि उत्कर्षा के पिता अभी भी मलबे में दबे हुए हैं, उन्हें निकालने की कोशिश जारी है। दुर्घटना के बाद उनके दोस्त और रिश्तेदार इस उम्मीद में हैं कि ओंकार किसी तरह सुरक्षित मिल जाएं।

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 इमारत में 12 कमरों का हिस्सा पूरी तरह ढहा

स्थानीय लोग बताते हैं कि रात 11 बजे तक ओंकार के घर पर जन्मदिन का समारोह चल रहा था। दोस्तों और रिश्तेदारों ने इकट्ठा होकर उत्कर्षा का जन्मदिन मनाया और रात 11 बजे के बाद सभी लोग वापस चले गए। करीब एक घंटे बाद ही अचानक काल ने कहर ढा दिया और ‘रमाबाई अपार्टमेंट’ की चार मंजिला इमारत के 12 कमरों का एक हिस्सा ढह गया और कुछ ही पलों में सब कुछ बर्बाद हो गया। दिल दहला देने वाले इस हादसे से आसपास रहने वाले लोग भी अब सदमें में हैं, चारों तरफ कोहराम मचा है। इसी इमारत में रहने वाले सचिन निवालकर (44), पत्नी सुप्रीला निवालकर (40), बेटा अर्नव निवालकर (14) लापता हैं।

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हादसे के बाद वसई-विरार महानगरपालिका की शिकायत के आधार पर पुलिस ने बिल्डर को हिरासत में ले लिया है। नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की दो टीमें मौके पर अभी भी राहत कार्य में जुटी हुई हैं। पालघर की कलेक्टर इंदु रानी जाखड़ ने बताया कि मलबे में अभी और लोगों के फंसे होने की आशंका है।

आखिर महानगरपालिका कुम्भकर्णी नींद में सो क्यों रही थी?

हादसे के बाद वसई-विरार महानगरपालिका ने स्पष्ट किया कि इस इमारत को बनाने के लिए कोई वैध अनुमति नहीं ली गई थी। इमारत अवैध रूप से बनी हुई थी! अब यहां बेहद आश्चर्यजनक सवाल यह उठता है, जब ये इमारत पूरी तरह से अवैध थी तो वसई-विरार महानगरपालिका कुम्भकर्णी नींद में सो क्यों रही थी? चार मंजिला अवैध इमारत बनाने वाले बिल्डर से नज़राना लेकर उसे बख्शा क्यों गया था? और लोगों की जान से खेलने का ये खेल कब तक चलता रहेगा?

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