AIMIM MLA Mufti Ismail: एआईएमआईएम मालेगांव विधायक मुफ्ती इस्माइल ने ऑनलाइन अजान को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि ऑनलाइन अजान कैसे होगी। जब लाउडस्पीकर पर अजान दी जाती है, तो इलाके के लोगों को पता चल जाता है कि वे मस्जिद में नमाज पढ़ने आए हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि भाजपा नेता किरीट सोमैया बेवजह कानून-व्यवस्था का मुद्दा बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे मस्जिदों में जाकर लोगों को परेशान कर रहे हैं। अजित पवार भी इसी सरकार में हैं। वे मुसलमानों का साथ देने की बात करते हैं, लेकिन उनकी सरकार के भाजपा मंत्री क्या कर रहे हैं। उन्हें यह देखना चाहिए।
लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध के बाद अजान ऐप
दरअसल, मुंबई में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध के बाद कई मस्जिदों ने ‘ऑनलाइन अजान’ ऐप अपना लिया है, जो नमाजियों को अजान टाइमिंग और लाइव अजान की सुविधा देता है। तमिलनाडु की एक कंपनी ने यह ऐप बनाया है। यह ऐप लाइव अज़ान प्रसारित करता है, ताकि खास तौर पर जो लोग मस्जिद से दूर हैं या जिनके कार्यालय मस्जिद के पास नहीं हैं, उन्हें नमाज़ के बारे में समय पर जानकारी मिल सके।
बॉम्बे हाईकोर्ट के ध्वनि प्रदूषण नियमों के बाद यह कदम उठाया गया है। ऐप में मस्जिदों के लिए रजिस्ट्रेशन, नमाज़ का समय और अन्य धार्मिक जानकारी जैसी सुविधाएं हैं। यह उन लोगों के लिए भी खास तौर पर उपयोगी है, जैसे महिलाएं और बुजुर्ग, जो मस्जिद नहीं जा सकते।
किसी भी भाषा का विरोध गलत- मुफ्ती
साथ ही उन्होंने हिंदी भाषा विवाद पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा का विरोध गलत है। गुजरात में गुजराती, कर्नाटक में कन्नड़, तमिलनाडु में तमिल बोली जाती है। हिंदी इस देश की भाषा है और इसका विरोध गलत है।