SIR In West Bengal: चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कराने का फैसला किया है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है. एसआईआर की घोषणा के बाद से ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस कदम को भाजपा की “साजिश” करार देते हुए चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ हो रहा – TMC
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अगर 2025 की वोटर लिस्ट के अनुसार बूथ बढ़ाए जा रहे हैं, तो जनवरी 2025 तक की मतदाता सूची का सम्मान होना चाहिए. उन्होंने इसे “चुपचाप धांधली (Silent Rigging)” बताया और आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव आयोग के जरिए असंवैधानिक तरीके से मतदाताओं को प्रभावित करना चाहती है. कल्याण बनर्जी ने कहा, “यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है, बूथ बढ़ाने की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और जनता का अपमान है.”
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भाजपा पार्टी कार्यालय में बैठकर रची गई साजिश – TMC
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी आयोग पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भाजपा पार्टी कार्यालय में बैठकर यह “साइलेंट रिगिंग” की साजिश रची गई है. उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में काम कर रहा है और इसकी योजनाएं उनकी वेबसाइट के जरिए लागू की जा रही हैं. घोष ने कहा कि भाजपा विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन टीएमसी कानूनी और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर इस कदम का विरोध करेगी.
भाजपा का पलटवार
वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए तृणमूल पर देशविरोधी राजनीति करने का आरोप लगाया. भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि “जो लोग बंगाल को बांग्लादेश के जरिए बेच रहे हैं, उन्हें यह प्रक्रिया पसंद नहीं है.” उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ “देश और जनता के हित में काम कर रही है” और टीएमसी को पारदर्शी प्रक्रिया से डर लग रहा है.
इस विवाद के चलते बंगाल में सियासी तापमान बढ़ गया है. आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की इस समीक्षा प्रक्रिया को अब राजनीतिक संघर्ष का नया केंद्र माना जा रहा है.
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