Agra conversion syndicate: उत्तर प्रदेश के आगरा की दो सगी बहनों का अवैध रूप से धर्मांतरण कराया गया है। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए दोनों बहनों को कोलकाता से सकुशल बरामद कर लिया है। पुलिस ने धर्मांतरण रैकेट चलाने वाले 10 लोगों को भी गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्ण ने खुद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस रैकेट का खुलासा किया है।
पीएफआई, एसडीपीआई और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से संबंध
डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि 6 राज्यों में छापेमारी कर 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जो खासकर युवतियों को प्रलोभन, लव जिहाद और अन्य तरीकों से प्रभावित करके धर्मांतरण के काम में संलिप्त थे। अवैध धर्मांतरण का यह तरीका आईएसआईएस का एक तरीका है। अब तक की प्रारंभिक जाँच में इस गिरोह के पीएफआई, एसडीपीआई और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से जुड़े होने के संकेत मिले हैं। जनपद आगरा द्वारा की गई इस उल्लेखनीय कार्रवाई की जाँच में उत्तर प्रदेश एसटीएफ और एटीएस को भी शामिल किया गया है। इस मामले में अब अन्य राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा।
दुबई, कनाडा, लंदन और अमेरिका से फंडिंग
डीजीपी ने आगे बताया कि अब तक की जाँच में कनाडा, अमेरिका, लंदन और दुबई से फंडिंग के सबूत मिले हैं। इनके रिश्तेदार और अन्य लोग इन देशों से फंडिंग करते थे। इन लोगों का भी पता लगाया जा रहा है। इसी वजह से एसटीएफ और एटीएस को इस जाँच में शामिल किया गया है।
आगरा की दो सगी बहनों का धर्मांतरण
आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि इसी साल मार्च महीने में आगरा के सदर बाजार थाने में दो सगी बहनों की गुमशुदगी दर्ज हुई थी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुकदमे में धर्म परिवर्तन की धारा भी जोड़ी गई थी। साइबर थाने को भी इस जाँच में शामिल किया गया था। डीजीपी के निर्देश पर इस पर काम किया गया है। जाँच के दौरान 7 लोग सामने आए। इनके खिलाफ अदालत से गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।