PM Modi Attack on Congress: लोकसभा के मानसून सत्र मे ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को भी नहीं बख्शा। इस दौरान पीएम मोदी ने कच्चातिवु द्वीप, पीओके, अक्साई चिन और करतारपुर साहिब पर कांग्रेस की गलतियों को चुन-चुनकर गिनाया और पूरे देश को बताया। पीएम मोदी ने कहा देश आज़ादी के बाद लिए गए फैसलों का खामियाजा आज भी भुगत रहा है। कांग्रेस पूछ रही है कि मैंने पीओके वापस क्यों नहीं लिया? पीएम मोदी ने कहा कि सवाल पूछने वालों को पहले इसका जवाब देना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसकी सरकार ने पाकिस्तान को पीओके पर कब्ज़ा करने दिया? अक्साई चिन को बंजर भूमि क्यों घोषित किया गया? उन्होंने कहा कि 1971 में पीओके वापस लिया जा सकता था। करतारपुर साहिब लिया जा सकता था। लेकिन नहीं। पीएम मोदी ने कहा कि 1971 में 93 हज़ार पाकिस्तानी सैनिक हमारे यहाँ बंदी थे और पाकिस्तान का हज़ारों वर्ग किलोमीटर हिस्सा हमारी सेना के कब्ज़े में था।
POK वापस लिया जा सकता था
उन्होंने कहा कि अगर उस समय थोड़ी दूरदर्शिता और समझदारी होती, तो पीओके वापस लेने का फैसला लिया जा सकता था। इन सबके बावजूद, कम से कम करतारपुर साहिब तो वापस लिया जा सकता था, लेकिन वह भी नहीं हो सका। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 1974 में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को उपहार में दे दिया गया था। आज तक हमारे मछुआरे भाई-बहन वहाँ समस्याओं का सामना करते हैं, कई बार उनकी जान को खतरा रहता है।
अक्साई चिन को बंजर घोषित कर दिया गया, क्यों?
पीएम मोदी ने आगे कहा कि अक्साई चिन को बंजर घोषित कर दिया गया, हमें देश की 38 हज़ार वर्ग किलोमीटर ज़मीन गँवानी पड़ी। 1962-63 के बीच कांग्रेस के नेता जम्मू-कश्मीर के पुंछ, उरी, नीलम घाटी और किशनगंगा को छोड़ने का प्रस्ताव दे रहे थे और यह ‘शांति रेखा’ के नाम पर किया जा रहा था। 1966 में इन लोगों ने कच्छ के रण पर मध्यस्थता स्वीकार कर ली।
कांग्रेस अपनी गलती सुधारे
एक बार फिर इन लोगों ने लगभग 800 वर्ग किलोमीटर भारतीय भूभाग पाकिस्तान को सौंप दिया, जिसमें क्षनबेत भी शामिल है। 1965 के युद्ध में हाजीपीर दर्रा हमारी सेना ने वापस जीत लिया था, लेकिन कांग्रेस ने उसे फिर से लौटा दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के हितों को गिरवी रखना कांग्रेस की आदत है। नकारात्मकता कांग्रेस की पुरानी आदत है। कांग्रेस को अपनी गलती सुधारनी चाहिए।