kapil Sibal On EC: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. उनका कहना है कि एनडीए सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है और इन एजेंसियों का राजनीतिक फायदा उठाकर सत्ता बनाए रखने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसी कारण भारत के कई शानदार और कीमती साल बर्बाद हो गए, जो देश के विकास और लोकतांत्रिक मजबूती के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते थे.
‘देश की लोकतांत्रिक संस्थाएं अपनी आवाज बुलंद करें’
सिब्बल ने अपने पॉडकास्ट “दिल से विद कपिल सिब्बल” के नए एपिसोड में कहा कि अब समय आ गया है कि देश की लोकतांत्रिक संस्थाएं—विशेष रूप से न्यायपालिका—अपनी स्वतंत्रता सुनिश्चित करते हुए अपनी आवाज बुलंद करें. उनके अनुसार, इन संस्थाओं की निष्पक्षता और स्वतंत्रता ही भारत में लोकतंत्र के अस्तित्व और भविष्य के लिए बुनियादी शर्त है.
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यशवंत सिन्हा और पी. चिदंबरम भी रहे मौजूद
इस एपिसोड में उनके साथ पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम भी उपस्थित थे. तीनों ने मिलकर भारत के विकास, राजनीतिक माहौल, लोकतांत्रिक संस्थाओं की गिरती विश्वसनीयता और सरकारी एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाओं का सरकार के साथ “मिलीभगत” वाला रवैया देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरनाक है.
विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए हो रहा ED-CBI का इस्तेमाल
सिब्बल ने यह भी आरोप लगाया कि ED और CBI का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने, डराने और राजनीतिक रूप से कमजोर करने के लिए किया जा रहा है. उनके अनुसार, यह तरीका सरकार के लिए भले ही कुछ समय तक सत्ता बनाए रखने में मददगार हो, लेकिन इससे लोकतंत्र कमजोर होता है और अंततः जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी.
विपक्ष लगातार उठा रहा वोट चोरी का मुद्दा
विपक्षी दल पहले भी आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है और चुनाव आयोग निष्पक्ष ढंग से काम नहीं कर रहा. बिहार चुनाव के बाद यह बहस और तेज हो गई. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बिहार के परिणामों को आश्चर्यजनक बताते हुए कहा था कि चुनाव शुरू से ही अनुचित थे. उन्होंने आरोप लगाया कि हालिया विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर “वोट चोरी” हुई है.