Jyoti Maurya: ज्योति मौर्य का केस तो आप सभी ने सुना था, जैसे ही पीसीएस की परीक्षा पास की, उसने अपने पति को ही छोड़ दिया। जबकि पति ने ही पढ़ा लिखाकर अफसर बनाया। अब आलोक ने कोर्ट में याचिका दायर कर गुजारा भत्ते की मांग की है, जिसको लेकर आलोक ने दलील दी है कि, वो मामूली सफाई कर्मी है और कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित है। इसलिए उसे गुजारा भत्ता दिया जाए। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस (प्रांतीय सिविल सेवा) अधिकारी ज्योति मौर्य को नोटिस जारी किया है। गुजारा भत्ता संबंधी याचिका खारिज होने के बाद ज्योति मौर्य के पति आलोक कुमार मौर्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
आलोक ने क्या कहा?
हाईकोर्ट में दायर याचिका में आलोक ने कहा है कि उनकी पत्नी एक प्रशासनिक अधिकारी हैं और वह एक छोटी-मोटी सरकारी नौकरी करते हैं। वह कई बीमारियों से ग्रस्त हैं। इसलिए वह गुजारा भत्ता पाने के हकदार हैं। न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा और न्यायमूर्ति डॉ. वाईके श्रीवास्तव की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त को करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान आलोक के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल प्रयागराज के पारिवारिक न्यायालय के 4 जनवरी, 2025 के उस फैसले से व्यथित हैं, जिसमें गुजारा भत्ता संबंधी उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि ज्योति मौर्य एक प्रशासनिक अधिकारी हैं, जबकि याचिकाकर्ता एक मामूली सरकारी नौकरी करता है और कई बीमारियों से ग्रस्त हैं।
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देरी से दायर की गई याचिका
जानकारी के अनुसार, यह याचिका 77 दिनों की देरी से दायर की गई है। इसलिए, इस देरी के लिए क्षमा याचना करते हुए एक आवेदन भी दायर किया गया है। अदालत ने अपील दायर करने में हुई देरी को माफ करने के आवेदन पर ज्योति मौर्य को नोटिस भी जारी किया है। एसडीएम के पद पर कार्यरत ज्योति मौर्य ने अपने पति, जो पेशे से सफाई कर्मचारी हैं, आलोक कुमार मौर्य से तलाक लेने के लिए प्रयागराज के पारिवारिक न्यायालय में याचिका दायर की है।
2010 में हुई थी ज्योति और आलोक की शादी
तलाक की अर्जी लंबित रहने के दौरान, आलोक ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 के तहत गुजारा भत्ता के लिए आवेदन किया था, जिसे 4 जनवरी, 2025 को अदालत ने खारिज कर दिया था। आलोक मौर्य की नियुक्ति 2009 में पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर हुई थी। इसके बाद, 2010 में उनकी शादी ज्योति मौर्य से हुई। आलोक के अनुसार, उन्होंने अपनी पत्नी ज्योति मौर्य को पढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास और कड़ी मेहनत की। लेकिन जैसे ही ज्योति ने पीसीएस परीक्षा पास की और एसडीएम के पद पर नियुक्त हुईं, आलोक और उनके परिवार के प्रति उनका रवैया बदल गया। अब वह तलाक चाहती हैं।