जावेद खान की रिपोर्ट, Jharkhand News: झाबुआ जिले में लंबे समय से बारिश न होने के कारण खेतों में लगी फसलें मुरझाने लगी हैं। जिले के हर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के द्वारा अच्छी वर्षा के लिए टोटके किए जा रहे हैं, परंतु पेटलावद तहसील की ग्राम पंचायत रायपुरिया के ग्रामीण किसान सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे। ग्रामीणों ने बारिश की प्रार्थना के लिए एक अद्भुत पुरानी परंपरा का सहारा लिया। गांव में बड़ी पूजा और उज्जैनी का आयोजन किया गया। इसी क्रम में दोपहर बाद ग्रामीणों ने एक अनोखा जुलूस निकाला, जिसे ‘जीवित व्यक्ति शव यात्रा‘ कहा जाता है।
अनोखी पुरानी रस्म
ग्रामीण मान्यता के अनुसार इस अनोखी पुरानी रस्म को निभाने से इंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और वर्षा करते हैं। इस परंपरा के तहत गांव के लोग एक जीवित व्यक्ति को शव की तरह सजाकर, बांस की अर्थी पर लिटाकर जुलूस के रूप में लेकर चले। यह यात्रा राजगढ़ रोड स्थित बिजली विभाग के ग्रिड से शुरू हुई और गांव के मुख्य मार्गों से होते हुए मुक्तिधाम तक पहुंची। वहां पहुंचकर ग्रामीणों ने एक प्रतीकात्मक पुतले का अंतिम संस्कार किया। इस अनोखी परंपरा में गांव के बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी शामिल हुए। पूरा माहौल ढोल-ताशों और भजन-कीर्तन से गूंज रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि यह प्रथा वर्षों पुरानी है और हर बार सूखे या बारिश की लंबी खींच के समय निभाई जाती है।
हमारे पूर्वजों से सुनी और देखी यह परंपरा है
गांव के बुजुर्गों का कहना है, “हमारे पूर्वजों से सुनी और देखी यह परंपरा है। जब-जब बारिश रूठ जाती है, हम यह रस्म निभाते हैं और कई बार इसके बाद अच्छी वर्षा भी हो जाती है।” इस आयोजन में ग्रामीणों ने न केवल प्राकृतिक अनुकंपा की प्रार्थना की, बल्कि एकजुट होकर संकट से निकलने का संदेश भी दिया। अब सबकी निगाहें आसमान पर टिकी हैं, उम्मीद है कि इंद्रदेव जल्दी ही मेहरबान होंगे और धरती प्यास बुझाएंगे।
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