Jammu and Kashmir Statehood: पिछले कुछ दिनों से राजधानी दिल्ली में हो रही उच्चस्तरीय बैठकों ने जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज़ कर दी है। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह की राष्ट्रपति से अलग-अलग मुलाक़ातें और फिर जम्मू-कश्मीर के नेताओं से बातचीत, ये घटनाक्रम इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि कोई बड़ा ऐलान हो सकता है। सवाल उठ रहा है कि क्या जम्मू-कश्मीर को जल्द ही फिर से राज्य का दर्जा मिल सकता है?
3 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात के बाद कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई, जो आमतौर पर पीआईबी के ज़रिए जारी की जाती है। उसी दिन कुछ घंटे बाद गृह मंत्री अमित शाह ने भी राष्ट्रपति से व्यक्तिगत रूप से मुलाक़ात की। इन मुलाक़ातों के समय को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफ़ी चर्चा है क्योंकि ये सब 5 अगस्त से ठीक पहले हुआ, जिस दिन 2019 में अनुच्छेद 370 हटाया गया था।
नेताओं और संगठनों से चर्चा
अमित शाह ने न सिर्फ़ राष्ट्रपति से मुलाक़ात की, बल्कि जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष सतीश शर्मा, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता और ऑल जम्मू-कश्मीर शिया एसोसिएशन के अध्यक्ष इमरान रज़ा अंसारी के साथ भी अहम मुलाक़ातें कीं। इन बैठकों में केंद्र शासित प्रदेश की ज़मीनी हक़ीक़त, लोगों की उम्मीदों और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा हुई।
सोशल मीडिया और विशेषज्ञों की अटकलें
दिल्ली में हुई इन बैठकों ने सोशल मीडिया पर भी तूफ़ान मचा दिया है। कई लोगों ने कयास लगाए कि सरकार जल्द ही एक विधेयक ला सकती है, जिससे जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा मिल जाएगा। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों ने ट्वीट किया, “बड़ी कुर्बानियों के बाद कश्मीर में शांति आई है। अब जबकि स्थिरता की प्रक्रिया चल रही है, हमें जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए।”
राज्य का दर्जा कब मिलेगा?
2019 में अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को लद्दाख से अलग करके दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया। इसके बाद विधानसभा भंग कर दी गई और पूरा प्रशासन केंद्र के नियंत्रण में चला गया। हालाँकि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कई बार कह चुके हैं कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, लेकिन अभी तक कोई निश्चित समय-सीमा सामने नहीं आई है। दिसंबर 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को “जल्द से जल्द” राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश दिया था। लेकिन अभी तक कोई ठोस घोषणा नहीं की गई है, जिसके कारण इस मुद्दे पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।