Jagdeep Dhankhar News: जगदीप धनखड़ ने रातोंरात उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर भारतीय राजनीति में भारी हलचल मचा दी थी। 22 जुलाई को उनके इस्तीफे की खबर सामने आने के बाद देश में राजनीतिक भूचाल आ गया था और विपक्ष ने सवाल उठाया था कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि धनखड़ को अचानक इस्तीफा देना पड़ा?
अब जगदीप धनखड़ से जुड़ी एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जगदीप धनखड़ के सचिवालय ने पिछले साल फरवरी में उनकी सुरक्षा के लिए नई बुलेटप्रूफ गाड़ियों की मांग की थी। इसके पीछे वजह उनकी सुरक्षा में तैनात बीएमडब्ल्यू कारों का पुराना होना बताया गया था।
गृह मंत्रालय की तरफ से दिया गया था ये जवाब
उस समय गृह मंत्रालय ने पिछले साल जून में इस पर जवाब दिया था। गृह मंत्रालय ने कहा था कि इस मामले में एक पैनल गठित किया जाएगा। लेकिन जब नवंबर तक गृह मंत्रालय ने इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया, तो उपराष्ट्रपति कार्यालय ने एक नॉन-बुलेटप्रूफ इनोवा की मांग की। तब से धनखड़ के पास यह इनोवा है।
उपराष्ट्रपति सचिवालय की तरफ से लिखा गया था पत्र?
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, 28 फ़रवरी, 2024 को उपराष्ट्रपति सचिवालय ने गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (Police Modernisation Division) को एक पत्र लिखकर कहा था कि उपराष्ट्रपति के पास तीन बुलेटप्रूफ़ बीएमडब्ल्यू गाड़ियाँ हैं। इन तीन गाड़ियों में से दो छह साल से ज़्यादा पुरानी हैं, जबकि तीसरी लगभग चार साल पाँच महीने पुरानी है और अगले कुछ महीनों में यह भी पाँच साल से ज़्यादा पुरानी हो जाएगी। इसलिए, इन तीनों गाड़ियों को जल्द से जल्द नई बुलेटप्रूफ़ गाड़ियों से बदला जाए।
इसके बाद उपराष्ट्रपति सचिवालय द्वारा लिखे गए पत्र के जवाब में, गृह मंत्रालय के एक अवर सचिव ने 12 जून, 2024 को उत्तर दिया कि तीनों वाहनों की जाँच के लिए एक बोर्ड का गठन किया जा रहा है। इस बोर्ड में छह अधिकारी (एनएसजी और सीआरपीएफ के विशेषज्ञ भी शामिल हैं) शामिल हैं।
इनोवा और फॉर्च्यूनर मौजूद, लेकिन बुलेटप्रूफ नहीं
दिल्ली पुलिस के 28 नवंबर के एक आंतरिक पत्र में कहा गया है कि उपराष्ट्रपति कार्यालय ने पुराने बुलेटप्रूफ वाहनों को बदल दिया है क्योंकि उनकी पाँच साल की वैधता समाप्त हो गई है। नए वाहन इनोवा और फॉर्च्यूनर हैं, लेकिन दोनों ही बुलेटप्रूफ नहीं हैं।
ओएसडी और सचिव को बताया गया कि ये वाहन बुलेटप्रूफ नहीं हैं और ज़रूरत पड़ने पर दिल्ली पुलिस से ऐसे वाहन लिए जा सकते हैं, लेकिन इस संबंध में प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया।