Indian MPs in UNGA: भारतीय सांसद निशिकांत दुबे और एनके प्रेमचंद्रन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला और उसे आतंक, हिंसा, कट्टरता, असहिष्णुता और उग्रवाद का मुख्य स्रोत बताया. यह टिप्पणी पाकिस्तान की भारत विरोधी गतिविधियों, खासकर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर उसके दुष्प्रचार के जवाब में की गई.
सांसदों ने कहा कि पाकिस्तान इस प्रतिष्ठित मंच का दुरुपयोग झूठ और दुष्प्रचार फैलाने के लिए कर रहा है, जबकि वह देश दुनिया भर में आतंकवाद को सरकारी नीति के एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के लिए कुख्यात है.
पहलगाम हमला और भारत की प्रतिक्रिया
निशिकांत दुबे ने 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया. इस हमले में पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की जान ले ली थी. दुबे ने कहा कि भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने के अपने वैध अधिकार का प्रयोग किया. इसमें मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के तहत नौ आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक शामिल है.
#WATCH | New York | At a UNGA session, BJP MP Nishikant Dubey said, “The international community has not forgotten the brutal, targeted attacks carried out by Pakistan-trained terrorists that claimed the lives of 26 innocent civilians in Pahalgam, Jammu and Kashmir, on April 22,… pic.twitter.com/AYQazkxoF9
— ANI (@ANI) October 13, 2025
इसके विपरीत, पाकिस्तान ने भारतीय सीमावर्ती गाँवों को निशाना बनाया, जिसमें बच्चों सहित नागरिक मारे गए. सांसद ने कहा कि पाकिस्तान को पहले अपने देश में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और फिर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उपदेश देना चाहिए.
मानवाधिकार और पाकिस्तानी सैन्य तानाशाही
एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि पाकिस्तान मानवाधिकार उल्लंघनों में सबसे आगे है. पहलगाम हमले ने स्पष्ट कर दिया है कि इस देश को निर्दोष नागरिकों की जान की कोई परवाह नहीं है. उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य तानाशाही, दिखावटी चुनावों, निर्वाचित नेताओं की गिरफ़्तारियों, धार्मिक उग्रवाद और राज्य प्रायोजित आतंकवाद के लंबे इतिहास का हवाला दिया. प्रेमचंद्रन ने कहा कि ऐसे देश को किसी भी मंच से उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है और जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग बना रहेगा.
भारत की कूटनीतिक मजबूती
सांसदों के भाषण ने पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय छवि को चुनौती दी और यह स्पष्ट कर दिया कि भारत आतंकवाद और उग्रवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के विरुद्ध हमेशा खड़ा रहेगा. उनकी टिप्पणियों ने भारत के कूटनीतिक रुख की मज़बूती और क्षेत्रीय संप्रभुता के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया. भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपने राजनीतिक हितों के लिए आतंकवाद और हिंसा का इस्तेमाल करने वाले देशों के विरुद्ध हमेशा कड़ी कार्रवाई करेगा.
इस प्रकार, संयुक्त राष्ट्र के मंच पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार और आतंकवाद के प्रायोजन को उजागर करके, भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि जम्मू और कश्मीर का मुद्दा भारत के संप्रभु अधिकारों के अंतर्गत आता है और भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए हमेशा सक्रिय रहेगा.