Indian Army: तीन अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप, जिनकी डिलीवरी में कई बार देरी हो चुकी थी, आज सुबह हिंडन एयरबेस पहुंच गई। हेलीकॉप्टरों को एक अमेरिकी परिवहन विमान से भारत लाया गया। कार्यक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने पुष्टि की है कि नए प्राप्त हेलीकॉप्टरों को भारतीय सेना की एविएशन कोर को सौंपे जाने से पहले उनकी असेंबली और निरीक्षण किया जाएगा। ये हेलीकॉप्टर उचित प्रक्रिया के बाद जोधपुर स्थित अपने बेस के लिए उड़ान भरेंगे।
भारतीय सेना ने किया पोस्ट
भारतीय सेना ने हेलीकॉप्टरों के आगमन को एक महत्वपूर्ण क्षण बताया और कहा कि ये अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म भारतीय सेना की परिचालन क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे। भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि, “भारतीय सेना के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि आर्मी एविएशन के लिए अपाचे हेलीकॉप्टरों का पहला बैच आज भारत पहुंच गया है।” आपको जानकारी के लिए बता दें कि, आर्मी एविएशन कोर मार्च 2024 में जोधपुर में अपनी स्थापना के बाद से इन हेलीकॉप्टरों का इंतजार कर रही थी।
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पहला खेप पहुंचा भारत
अमेरिका से अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी कई समय सीमा के भीतर पूरी नहीं हो पाई। भारतीय सेना को शुरुआत में जून 2024 तक इनकी डिलीवरी की उम्मीद थी। ये हेलीकॉप्टर 2020 में अमेरिका के साथ हुए 60 करोड़ डॉलर के सौदे का हिस्सा थे। आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण समयसीमा को बाद में दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया था। मूल कार्यक्रम में तीन-तीन के दो बैचों में छह हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी की योजना थी। एक साल से ज्यादा की देरी के बाद, पहला बैच आखिरकार आ गया है। भारतीय सेना की एविएशन कोर के पायलट, जिन्हें 2024 में प्रशिक्षित किया गया था, उड़ान भरने के लिए तैयार हैं।
पश्चिमी सीमा पर निभाएंगे प्रमुख भूमिका
अपाचे हेलीकॉप्टरों से देश के पश्चिमी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अभियानों में सेना को सहायता मिलने की उम्मीद है। ये उन्नत विमान अपनी बढ़ी हुई चपलता, मारक क्षमता और उन्नत लक्ष्यीकरण प्रणालियों के लिए जाने जाते हैं। दूसरी ओर, भारतीय वायु सेना ने 2015 में हस्ताक्षरित एक अलग ऑर्डर के तहत पहले ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों को शामिल कर लिया है। नव प्रशिक्षित एविएशन कोर सेना की ऑपरेशनल टीम का एक नियोजित महत्वपूर्ण घटक है, जो कई मिशनों के लिए हवाई सहायता प्रदान करता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये हेलीकॉप्टर पश्चिमी सीमा पर प्रमुख भूमिका निभाएंगे।