Indian Air Force Day 2025 : ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायु सेना (Indian Air Force ) की ताकत पूरी दुनिया ने देखी. मिसाइल से लैस IAF के विमानों ने कैसे पाकिस्तान में घुसकर तबाही मचाई, जिसके बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर की हालत खराब हो गई. भारतीय वायु सेना की ताकत का नमूना देखने के बाद ही पाकिस्तान ने सीजफायर की पेशकश की. भारतीय वायु सेना 8 अक्टूबर को अपना स्थापना दिवस मना रही है. भारतीय वायु सेना दिवस के मौके पर वायुसेना के कर्मियों-अधिकारियों के समर्पण का सम्मान किया जाता है. प्रत्येक वर्ष IAF स्थापना दिवस के दिन ऐसे कई आयोजन करता है. यह दिन भारतीय वायुसेना कर्मियों के अटूट समर्पण और जुनून को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है, साथ ही वर्षों में हासिल की गई कई तकनीकी प्रगति पर भी प्रकाश डालता है. इस स्टोरी में हम बताएंगे IAF के बारे में हर जरूरी जानकारी.
विश्व के टॉप 5 में शामिल है IAF
भारतीय वायु सेना ने कई बार यह साबित किया है कि उसका कोई जवाब नहीं है. चाहे युद्ध की बात हो या फिर बचाव और राहत की बात, AIF ने शानदार प्रदर्शन किया है. वर्ष 2025 की शुरुआत में विश्व के सबसे ताकतवर सैन्य शक्ति रखने वाले देशों की सूची जारी हुई थी. ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (GFP Index) के मुताबिक, अमेरिका समेत यूरोप के कई देश हैं, जो अपनी वायु सेना की ताकत के चलते जाने जाते हैं. GFP Index के मुताबिक, भारतीय वायु सेना को एक अहम सैन्य शक्ति के रूप में बताया गया है. GFP Index के अनुसार, दुनिया की टॉप-5 सबसे ताकतवर सैन्य शक्ति में AIF को भी शामिल किया गया है. आकलन में सैन्य इकाइयों, वित्तीय स्थिति, रसद क्षमता के अलावा 60 से अधिक व्यक्तिगत कारकों को आधार बनाया गया है.
कब हुई थी IAF की स्थापना?
8 साल बाद भारतीय वायु सेना की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे. जानकारी के मुताबिक, 8 अक्टूबर, 1932 को ब्रिटिश शासन के दौरान वायु सेना को सहायक बल के रूप में शुरू किया गया था. यहां यह भी बता दें कि शुरुआती दौर में भारतीय वायु सेना का मूल नाम रॉयल इंडियन एयर फ़ोर्स (RIAF) था. यह भी दिलचस्प है कि RIAF की पहली उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को हुई थी. इस दौरान 6 RIAF ट्रेंड अफसर और 19 हवाई सिपाहियों ने इसमें भाग लिया था.
सेकेंड वर्ल्ड वॉर में एक्टिव हुई थी IAF
ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय वायु सेना ने काफी तरक्की की. इसे आधुनिक बनाने का काम भी तेज हो गया था. इतना ही नहीं, ने RIAF सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान युद्ध में अहम योगदान दिया. यह अलग बात है कि युद्ध में भारत आधिकारिक रूप से शामिल नहीं हुआ था, बल्कि अंग्रेजी शासन की ओर से युद्ध लड़ा गया था. 1945 में इसे ‘रॉयल’ उपसर्ग मिला था. 1950 में यह उपसर्ग आधिकारिक रूप से हटा दिया गया. इसके साथ ही इसका नाम भारतीय वायु सेना कर दिया गया.
कब-कब AIF ने निभाई अहम भूमिका?
भारतीय वायुसेना की ताकत को बाकी देश भी मानते हैं. वर्ष 1947, 1965, 1971 और 1999 में भारत ने पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़े जिसमें AIF ने अपनी ताकत दिखाते हुए दुश्मन को चित किया. इसी तरह 1962 का चीन-भारत युद्ध AIF भी शामिल हुआ। वर्ष 1987 में ऑपरेशन पूमलाई और 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन सफेद सागर जैसे महत्वपूर्ण अभियानों में भी भाग लिया.