656
Weekly Explainer: अक्टूबर का महीना समाप्त होते-होते भारत ने कई अहम मोर्चों पर सुर्खियां बटोरीं चाहे वह रणनीतिक सैन्य अभ्यास हो, विदेशी ठिकानों से वापसी, या फिर पर्यावरण और अर्थव्यवस्था से जुड़ी नीतिगत गतिविधियां. यह सप्ताह भारत की शक्ति, कूटनीति और आत्मनिर्भरता के नए आयामों को उजागर करता नज़र आया. आइए जानते हैं कि बीते हफ्ते देश में क्या-क्या प्रमुख घटनाक्रम हुए.
1. ताजिकिस्तान से भारत की वापसी
भारत ने मध्य एशिया में अपने सबसे महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाने, ताजिकिस्तान के आयनी एयरबेस (जिसे गिस्सार मिलिट्री एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है), से अपनी उपस्थिति समाप्त कर ली. साल 2002 में विकसित किए गए इस एयरबेस पर भारत ने करीब 70 मिलियन डॉलर खर्च कर आधुनिक सुविधाएँ तैयार की थीं। यह ठिकाना भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत अहम था क्योंकि इससे पाकिस्तान और चीन दोनों पर निगरानी संभव थी. हालांकि भारत ने अब अपने कर्मियों को वहाँ से हटा लिया है, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की वैश्विक सामरिक प्राथमिकताओं में बदलाव और घरेलू सैन्य आत्मनिर्भरता की दिशा में एक संकेत है.
2. त्रिशूल 2025
30 अक्टूबर को भारत ने ‘त्रिशूल 2025’ नामक विशाल सैन्य अभ्यास की शुरुआत की. यह अभ्यास गुजरात और राजस्थान में हो रहा है और 10 नवंबर तक चलेगा. थलसेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त भागीदारी वाला यह अभ्यास भारत की समग्र रक्षा क्षमताओं और युद्धक तैयारी को प्रदर्शित करता है. राफेल, सुखोई Su-30, युद्धपोत, मिसाइल बैटरियां और विशेष बल कमांडो इस अभ्यास का हिस्सा हैं। इसका उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच संचालनात्मक तालमेल को मज़बूत करना है. इस अभ्यास के चलते पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा “NOTAM” के तहत बंद कर दिया, जिससे दोनों देशों के बीच सतर्कता का माहौल देखने को मिला.
3. दिल्ली में क्लाउड सीडिंग प्रयोग
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है. इस बार दिल्ली सरकार ने इसे कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग का प्रयोग किया. कृत्रिम वर्षा के इस प्रयास पर लगभग ₹60 लाख प्रति उड़ान खर्च आया, लेकिन परिणाम उम्मीद के मुताबिक़ नहीं रहे. सिर्फ़ 1 मिलीमीटर से कम वर्षा हुई और पीएम 2.5 का स्तर 230 से घटकर 203 तक आया यानी मामूली सुधार. हालांकि यह प्रयोग असफल रहा, लेकिन इसने दिल्ली की वायु समस्या के समाधान के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की दिशा में एक नई शुरुआत की है.
4. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राफेल उड़ान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया. वह भारत की पहली राष्ट्रपति हैं जिन्होंने राफेल और सुखोई-30 एमकेआई दोनों विमानों में उड़ान भरी है. इस उड़ान में उनके साथ स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह थीं, जो वही महिला पायलट हैं जिनके बारे में पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान झूठा दावा किया था कि उनका विमान गिराया गया. यह तस्वीर और यह क्षण भारत की महिला शक्ति और सैन्य क्षमता दोनों का प्रतीक बन गया.
5. सोने की वापसी
भारत के केंद्रीय बैंक RBI ने अपने विदेशी भंडार से 64 टन से अधिक सोना वापस भारत लाकर एक नई आर्थिक नीति का संकेत दिया है. अब देश के कुल 880 टन सोने में से 576 टन भारत में ही सुरक्षित रखा गया है यह अब तक का सबसे अधिक स्तर है. यह कदम वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बीच भारत की वित्तीय सुरक्षा और स्वदेशी भंडारण नीति को मज़बूत बनाता है.
6. टाटा समूह में उथल-पुथल
महान उद्योगपति रतन टाटा के निधन के एक साल बाद, टाटा समूह फिर से आंतरिक विवादों में उलझा हुआ है. टाटा ट्रस्ट्स के प्रमुख सदस्यों के बीच मतभेद ने संगठन के भीतर विभाजन की स्थिति पैदा कर दी है. हाल ही में प्रभावशाली ट्रस्टी मेहली मिस्त्री को दो मुख्य ट्रस्टों सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट से हटाया गया. यह विवाद 2016 में हुए साइरस मिस्त्री प्रकरण की याद दिलाता है और दिखाता है कि भारत की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट इकाई भी सत्ता संघर्ष से अछूती नहीं है.
7. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में BSF का नया कदम
भारत के सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने देशी नस्लों के कुत्तों रामपुर हाउंड और मुधोल हाउंड को अपने दस्ते में शामिल किया है. इन भारतीय नस्लों के 150 से अधिक कुत्ते अब भारत की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में इस पहल की सराहना की और कहा कि यह भारत की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी गौरव का प्रतीक है. कभी राजदरबारों की शान रहे ये कुत्ते अब देश की सीमाओं के प्रहरी बनकर नई भूमिका निभा रहे हैं.