Dharmasthala Mass Murder: कर्नाटक के मशहूर तीर्थस्थल और धर्मस्थल से एक झंझोर कर रख देने वाला मामला सामने आ रहा हैए। यहाँ सालों से काम कर रहे एक व्यक्ति के दावे ने पूरे देश में दहशत का माहौल बना दिया है, इस शख्स ने दावा किया कि लगभग एक दशक पहले उसे रेप की शिकार कई महिलाओं के शवों को दफनाने के लिए आर्डर मिला था, उस शख्स ने कहा कि उसे इस काम के लिए मजबूर किया गया था। वहीँ फिर इस शख्स ने 4 जुलाई को धर्मस्थल पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद 19 जुलाई को एक SIT जांच दल का गठन किया गया। वहीँ जांच पड़ताल करने के बाद SIT को एक बड़ी सफलता हासिल हुई। इस दौरान छठे उत्खनन स्थल से कुछ मानव कंकाल मिले हैं।
जानिए क्या बोला शख्स
वहीँ फिर मंगलवार को SIT ने शिकायतकर्ता द्वारा बताई गई जगह पर जाकर लगभग आठ फीट गहरा और 15 फीट चौड़ा गड्ढा खोदा। हालाँकि इससे पहले कई जगहों पर कोई कंकाल नहीं मिला था, लेकिन इस छठे स्थान पर एक बड़ी सफलता मिली। वहीँ फिर 3 जुलाई को, पूर्व सफ़ाई कर्मचारी ने पुलिस को एक बयान दिया। बयान में उस शख्स ने कहा कि, मैं बहुत भारी मन से और असहनीय अपराधबोध से उबरने के लिए यह शिकायत दर्ज करा रहा हूँ… मैं अब उन हत्याओं की यादों का बोझ नहीं सह सकता जो मैंने देखी थीं, उन शवों को दफ़नाने के लिए मुझे लगातार मिल रही जान से मारने की धमकियों और मारपीट का दर्द – कि अगर मैंने उन शवों को नहीं दफ़नाया, तो मुझे भी उनके साथ दफ़ना दिया जाएगा।
दफना चुका था सैकड़ों लाशें
आपकी जानकारी के लिए बता दें, पूर्व सफाई कर्मचारी एक दलित था जो 1995 से 2014 तक धर्मस्थल मंदिर में काम करता था। उसने इस बात की जानकारी दी कि, वो अपना ज़्यादातर रोज़ाना सफाई का काम धर्मस्थल मंदिर के पास बहने वाली नेत्रवती नदी के पास करता था। फिर अचानक सब कुछ बदल गया।जानकारी के मुताबिक, अपनी शिकायत में, उस व्यक्ति ने कहा कि उसे नदी के पास लाशें दिखाई देने लगीं। रिपोर्ट में कहा गया है, उनमें से ज़्यादातर महिलाएँ थीं। यह स्पष्ट नहीं है कि उसे ये लाशें कहाँ मिलीं और वो वहाँ कैसे पहुँचीं। इतना ही नहीं इस दौरान उस शख्स ने बताया कि उसे सैकड़ों शवों को ठिकाने लगाने के लिए मजबूर किया गया, जिनमें से कई नाबालिग लड़कियों के थे।
जांच में जुटी SIT
22 जुलाई को, कर्नाटक सरकार ने सामूहिक हत्याकांड और मंदिर प्रशासन पर लगे आरोपों की जाँच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। यह घोषणा वरिष्ठ वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता एस. बालन के नेतृत्व में वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात के बाद की गई। वहीँ अब SIT जांच में जुट गई है और कंकालों को ढूंढ़ने का प्रयास कर रही है।