Gurugram Missing Maids: बीते कुछ दिनों से गुरुग्राम से हैरान करने वाली खबर आ रही है यहां घरों से अचानक काम करने वाली मेड्स और अन्य नौकर बड़ी तेजी से गायब हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पॉश रिहायशी इलाके आर्डी सिटी में इन दिनों एक अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ है। घरों में न खाना बन रहा है, न झाड़ू-पोछा और न ही कूड़ा-कचरा इकट्ठा हो रहा है। वजह? पूरे इलाके से घरेलू नौकर-नौकरानियों का अचानक गायब हो जाना। जिन घरों में पहले रोज़ सुबह नौकरानियाँ, रसोइया और सफाईकर्मी हुआ करते थे, अब वहाँ रहने वालों को खुद ही झाड़ू-पोछा करना पड़ रहा है।
इस अजीबोगरीब घटना का खुलासा एक स्थानीय निवासी ने रेडिट पर पोस्ट करके किया। उसने लिखा, ‘आर्डी सिटी में एक अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई है। सभी नौकरानियाँ और रसोइया अचानक गायब हो गए हैं और उनके मोबाइल भी बंद हैं। सफाईकर्मी भी नहीं आ रहा है। आखिर मामला क्या है?’
घरेलू नौकर नौकरानियां छोड़ रहे काम
इस पोस्ट के बाद कई स्थानीय लोगों ने भी अपने अनुभव साझा किए। एक यूज़र ने कहा, ‘यह सिर्फ़ आर्डी सिटी की बात नहीं है, पूरा गुरुग्राम इस समय इसी समस्या से जूझ रहा है। इमिग्रेशन जाँच और पुलिस की छापेमारी के कारण कई घरेलू कामगार गुरुग्राम छोड़ रहे हैं।’
News 18 की रिपोर्ट् के मुताबिक गुरुग्राम पुलिस और आव्रजन विभाग ने हाल ही में उन इलाकों में छापेमारी की है जहाँ बड़ी संख्या में घरेलू नौकर रहते हैं। ऐसा संदेह है कि इनमें से कई लोग भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं, खासकर बांग्लादेश और म्यांमार से आए प्रवासी।
कुछ रेडिट उपयोगकर्ताओं ने यह भी बताया कि बंगाली भाषी घरेलू सहायकों को निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस पूछताछ और हिरासत के डर से कई कर्मचारी अपने गाँव लौट गए हैं। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “मेरी नौकरानी ने मुझे बताया कि वह डरी हुई है क्योंकि आसपास के कुछ लोगों को उठाकर मानेसर हिरासत केंद्र ले जाया गया है।”
200 से ज़्यादा संदिग्ध हिरासत में हिरासत में लिए गये
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा पुलिस ने गुरुग्राम से लगभग 200 लोगों को हिरासत में लिया है, जो पश्चिम बंगाल के होने का दावा करते हैं, लेकिन उन पर भारत में अवैध रूप से रहने का संदेह है। इन सभी लोगों के दस्तावेज़ों की जाँच की जा रही है। साथ ही, 11 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की गई है, जिन्हें भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में हिरासत में लिया गया है और उनके निर्वासन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
स्थानीय निवासियों के लिए यह स्थिति न केवल असुविधा का विषय है, बल्कि चिंता का भी विषय है। जिन लोगों की रोज़ी-रोटी इसी पर निर्भर थी, उनका अचानक गायब होना कई सवाल खड़े करता है। क्या आप्रवासन अभियान सही दिशा में है? क्या निर्दोष घरेलू कामगार भी इससे प्रभावित हो रहे हैं? इस समय गुरुग्राम के कई इलाकों में एक ही सवाल गूंज रहा है – ‘न नौकरानी, न सफाई कर्मचारी, सब कहाँ गए?’