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Gujarat Bridge: चेतावनी के बाद भी नहीं सुनी गई लोगों की गुहार, सरकार ने अपनी जिद में करवा दिया जनता का अंतिम संस्कार

Gujarat Bridge: गुजरात के वडोदरा से सुबह-सुबह एक दुखद खबर सामने आ रही है। वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला गंभीरा पुल भी नदी में ढह गया है। हादसे के वक्त पुल पर कई वाहन मौजूद थे, जो पुल के साथ ही नदी में बह गए। वहीं, पहले मृतकों का आंकड़ा 2 बताया गया था, लेकिन गुजरात सरकार में मंत्री के अनुसार अब यह आंकड़ा बढ़कर 3 हो गया है।

By: Shivanshu S | Last Updated: July 9, 2025 12:30:03 PM IST



Gujarat Bridge: गुजरात के वडोदरा से सुबह-सुबह एक दुखद खबर सामने आ रही है। वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला गंभीरा पुल भी नदी में ढह गया है। हादसे के वक्त पुल पर कई वाहन मौजूद थे, जो पुल के साथ ही नदी में बह गए। बता दें, इस घटना से पूरे इलाके में दुःख की लहर दौड़ गई है। वहीं, पुल ढहने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। जानकारी के अनुसार, पुल पर मौजूद 4-5 गाड़ियां नदी में बह गईं हैं। अबतक मिली जानकारी के मुताबिक, इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई और कई लोग बुरी तरह से घायल हैं। वहीं, पहले मृतकों का आंकड़ा 3 बताया गया था, लेकिन अब ये आंकड़ा 9 पहुंच चुका है।

चेतावनी के बाद भी पुल पर जारी रही आवाजाही

बता दें कि गंभीरा ब्रिज 1981 में बनकर 1985 में खोला गया था, लेकिन समय के साथ इसकी हालत बेहद जर्जर हो चुकी थी. जानकारी के अनुसार, स्थानीय विधायक चैतन्य सिंह झाला ने पहले ही इस पुल के लिए चेतावनी दी थी और नए पुल की मांग की थी. बावजूद इसके, पुल पर वाहनों की आवाजाही बंद नहीं की गई. बता दें, गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता अमित चावड़ा ने भी गंभीरा पुल के टूटने का वीडियो शेयर किया है। उन्होंने इसे लेकर प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। गंभीरा पुल लंबे समय से खराब अवस्था में था। इसे लेकर प्रशासन से कई शिकायतें की गईं, मगर उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब सरकार ने 212 करोड़ रुपये की लागत से नए पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी है और इसके लिए सर्वेक्षण भी कराया जा चुका है।

हादसे के बाद दिए जांच के आदेश

घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को घटनास्थल पर भेजकर जांच का आदेश दिया है. हादसे के तुरंत बाद अधिकारी एक्टिव हुए और नदी में गिरे वाहनों को हटाने का कार्य शुरू हुआ. साथ ही तैराकों को बुलाकर शवों को बाहर निकालने का काम भी शुरू हुआ. वहीं, ये बड़ा हादसा एक बार फिर पुरानी व कमजोर अधोसंरचनाओं पर सवाल खड़े करती है. अगर समय रहते वाहनों की आवाजाही रोकी जाती और नए पुल का निर्माण शुरू होता, तो शायद इस बड़ी घटना को टाला जा सकता था. अब देखना होगा कि जांच रिपोर्ट में क्या सामने आता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है.

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